भारत-पाक वार्ता पर कुछ दिनों से छाए संदेह के बादल को थोड़ा साफ करने के लिए पाकिस्तान ने पहली बार गंभीर प्रयास किया है। नवाज शरीफ सरकार ने अपने वादे के मुताबिक पठानकोट हमले में शामिल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत बुधवार को कई शहरों में अभियान चलाया गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। देर शाम तक भारत के खिलाफ लगातार आतंकवाद का जहर फैला रहे जैश प्रमुख मसूद अजहर समेत दर्जनभर आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा जैश के कई कार्यालयों पर ताला लगा दिया गया। पाकिस्तान से मिल रही सूचनाओं के मुताबिक, अजहर को उसके भाई अब्दुर रउफ और बहनोई अशफाक अहमद के साथ गिरफ्तार किया गया है। इन्हें जैश के बहावलपुर मुख्यालय से पकड़ा गया है। शरीफ सरकार के इस कदम से 15 जनवरी को प्रस्तावित विदेश सचिव स्तरीय बातचीत होने की संभावना बढ़ गई है। भारत की तरफ से इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है। देर शाम विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुआई में विदेश मंत्रलय के वरिष्ठ अफसरों की बैठक हुई। इसके बाद विदेश सचिव एस जयशंकर संभवत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उसके बाद ही प्रस्तावित बातचीत को आगे बढ़ाने पर अंतिम फैसला होगा। विदेश मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में फैसला पूरी तरह राजनीतिक स्तर पर ही लिया जाएगा। पठानकोट हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ चार-पांच दिनों तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के बाद मंगलवार को भारत ने प्रस्तावित बातचीत टालने के संकेत दिए थे। बुधवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान के आंतरिक और वित्त मंत्री के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री, सेना प्रमुख, विदेश मामलों के सलाहकार, आइएसआइ के महानिदेशक, खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारी व पुलिस अधिकारी शामिल थे। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी कि पठानकोट हमले से कथित तौर पर जुड़े आतंकियों के खिलाफ जांच में अच्छी प्रगति हुई है। जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकियों को पकड़ा गया है। यह भी फैसला किया गया है कि पठानकोट हमले की आगे जांच के लिए पाकिस्तान सरकार एक दल भारत भेजेगी। सरकार अपनी जमीन से आतंक को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बारे में भारत के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा। इस कार्रवाई के लिए अमेरिका के दबाव को भी एक वजह माना जा रहा है। पठानकोट हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने नवाज शरीफ से बातकर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा था। एक दिन पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने राष्ट्रीय संबोधन में भी पाकिस्तान की तरफ इशारा किया था। विदेश मंत्रलय के अधिकारी भी मान रहे हैं कि पाकिस्तान ने जिस तरह से कार्रवाई की है, वह भारत की उम्मीदों के मुताबिक है।
कौन है मसूद:
- पाक के बहावलपुर का रहने वाला मसूद अजहर जैश-ए-मुहम्मद का सरगना है।
- मार्च 2000 में हरकत-उल-मुजाहिदीन में विभाजन करवाकर उसने यह संगठन बनाया है।
- उसे 1994 में श्रीनगर पर हमले की योजना बनाते गिरफ्तार किया गया था।
- 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद उसे रिहा करना पड़ा। इसके अगले साल उसने जैश बनाया।
- 2002 में पाक सरकार ने जैश पर बैन लगा दिया।
- 13 दिसंबर, 2001 में भारतीय संसद पर हमला।
- अक्टूबर 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला।
- 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियर पर्ल की हत्या।
- पठानकोट एयरबेस पर हमले की साजिश लाहौर के पास रची गई थी। आतंकियों को ट्रेनिंग पाकिस्तान के चकलाला और लायलपुर एयरबेस पर दी गई थी। ल्ल हमले के वक्त आतंकियों के चारों हैंडलर्स पाकिस्तान के बहावलपुर, सियालकोट और शकरगढ़ में मौजूद थे। ल्ल जैश का सरगना मसूद अजहर, उसका भाई रउफ असगर, उनके दो साथी अशफाक और कासिम हमलावरों को आदेश दे रहे थे।
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साभार: जागरण समाचार
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