सरकारी स्कूलों से हटाए गए अतिथि अध्यापकों पर सरकार मेहरबान होती नहीं
दिखाई दे रही। नई दिल्ली में अतिथि अध्यापकों और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के
बीच हुई समझौता वार्ता सिरे
नहीं चढ़ पाई। सरकार ने निकाले गए ‘अतिथियों’ को वापस लेने का कोई आश्वासन
नहीं दिया। अभी सेवाएं दे रहे अतिथि अध्यापकों को दस वर्षीय नियमितीकरण
नीति के तहत पक्का करने पर भी कोई ठोस जवाब नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने अपने
विशेष प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को अध्यापकों के साथ बातचीत के लिए अधिकृत
किया है। उनसे रविवार को चंडीगढ़ में तीन बजे बैठक होगी। मुख्यमंत्री ने
अतिथि अध्यापकों को कहा कि राजेश खुल्लर उनके साथ विचार-विमर्श कर समस्या
का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। सरकार की उनके साथ सहानुभूति है,
लेकिन हाई कोर्ट के आदेश भी उन्हें मानने होंगे। अतिथि अध्यापकों के
प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने की। राजेंद्र
ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष नौकरी से निकाले 3581 अध्यापकों
को बहाल करने व 10 वर्षीय नीति के तहत पक्का करने की मांग रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके विशेष प्रधान सचिव दस वर्षीय नीति की समीक्षा
करेंगे। नीति से संतुष्ट होने के बाद ही उस पर विचार किया जाएगा।
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साभार: जागरण
समाचार
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