Thursday, December 6, 2018

HSSC भर्ती घोटाले में हरियाणा सरकार को झटका, कोर्ट ने कहा- एसआइटी की जांच सही नहीं

साभार: जागरण समाचार 
अदालत ने हरियाणा राज्य कर्मचारी आयोग के भती्र घोटाले में राज्‍य सरकार को कड़ा झटका दिया है। पंचकूला की अदालत ने सरकारी विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती में हुए घोटाले की एसआइटी द्वारा जांच को
खारिज कर दिया है। काेर्ट ने कहा कि एसअाइटी ने मामले की सही से जांच नहीं की  है। इसलिए सरकार तीन आइपीएस अधिकारियों की टीम से इसकी जांच दोबारा कराए और दो माह में जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे।
HSSC भर्ती घोटाले में हरियाणा सरकार को झटका, कोर्ट ने कहा- एसआइटी की जांच सही नहींहरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग भर्ती घोटाले में पंचकूला कोर्ट की सख्त टिप्पणी: पंचकूला के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्रा सूरा की कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को जांच के लिए जल्द से जल्द तीन आइपीएस अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि एचएसएससी की ओर से ड्राइवर, क्लर्क, क्लर्क (जनरल), ग्रिड ऑपरेटर, टाइपिंग टेस्ट, कंडक्टर भर्ती की गई थी। इसमें चार से 10 लाख रुपये लेने के आरोप लगे थे।
एसआइटी ने कॉल ट्रांसक्रिप्शन की पूरी डीवीडी तक नहीं सुनी: कोर्ट ने हैरानी जताई कि एसआइटी ने कॉल ट्रांसक्रिप्शन की पूरी डीवीडी तक नहीं सुनी। साथ ही आरोपितों के मोबाइल में 2000 से ज्यादा हुई कॉल की जांच पूरी नहीं की गई। इसके बावजूद सीआरपीसी की धारा 173 (8) के तहत 26 नंवबर 2018 को सप्लीमेंट्री चालान दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया कि जांच पूरी हो गई है।
पैन ड्राइव का पूरा रिकॉर्ड प्रिंट करके कोर्ट में पेश करने काे कहा: कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा-173 (8) के तहत पूरक रिपोर्ट के साथ रिकॉर्ड संलग्न किया गया है। पैन ड्राइव का पूरा रिकॉर्ड प्रिंट करके कोर्ट में पेश किया गया। पैन ड्राइव में गिरफ्तार आरोपितों के मोबाइल फोन में मिला डाटा दिया गया था।
मोबाइल में मिले थे फोन नंबर और दस्तावेज: रोल नंबर एचएसएससी या अन्य संस्थानों द्वारा विभिन्न पदों के लिए आयोजित विभिन्न परीक्षाओं से संबंधित थे। इतने सारे दस्तावेजों और रोल नंबरों में मोबाइल फोन में मिले आंकड़े एसआइटी के सदस्य इंस्पेक्टर अमन के देने पर प्रस्तुत किए गए, जबकि कोई जांच नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि इंस्पेक्टर अमन के इंस्ट्रक्शन पर एसआइटी ने उन फोनों की पूरी बातचीत नहीं सुनी है, जो हस्तक्षेप पर रखे गए थे और डीवीडी में निहित थे। एसआइटी ने चयनित आरोपित की चुनी हुई बातचीत के आधार पर अपनी जांच को सीमित कर दिया और उसी आधार पर एफआइआर दर्ज की गई।
डीएसपी की शिकायत पर दर्ज किया गया था केस: उल्लेखनीय है कि यह मामला 5 अप्रैल 2018 को विभिन्न धाराओं के तहत सीएम फ्लाइंग स्क्वॉयड की डीएसपी पूर्णिमा सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया था। इस मामले को एसआइटी को सौंपा गया था। एसआइटी ने सीआरपीसी की धारा 173 (2) के तहत 4 जून 2018 को अंतिम रिपोर्ट तैयार कर दी गई थी और 2 जुलाई 2018 को चालान पेश किया गया था।
इस मामले में अधीक्षक सुभाष पराशर, सहायक रोहताश शर्मा, सुखविंदर ङ्क्षसह, अनिल शर्मा, आइटी सेल में अनुबंध कर्मचारी पुनीत सैनी, धर्मेन्द्र, लिपिक हुडा विभाग बलवान ङ्क्षसह, सहायक ङ्क्षसचाई विभाग सुरेंद्र कुमार, अनिल कुमार निवासी गांव आहुलाना को जमानत मिल चुकी है।