साभार: जागरण समाचार
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोवध के खिलाफ हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत का हवाला देते हुए बॉलीवुड के अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने देश के माहौल पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कई
इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या से ज्यादा एक गाय की हत्या को अहमियत दी जा रही है।
‘कारवां-ए-मोहब्बत-इंडिया’ यूट्यूब पेज पर जारी वीडियो में 69 वर्षीय अभिनेता ने अपनी संतानों की भलाई को लेकर चिंता जताते हुए कहा, ‘मैंने अपने बच्चों को किसी खास धर्म के मानने वालों की तरह नहीं पाला है।’ अभिनेता ने कहा, ‘जहर पहले ही फैल चुका है’ और अब इसे कायम रखना दुश्वार हो गया है।’पदम भूषण, पदमश्री और कई नेशनल अवार्ड से सम्मानित नसीरुद्दीन शाह ने भारत में ¨हसा के वर्तमान माहौल पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘लोगों को कानून हाथ में लेने की खुली छूट दी गई है। बहुत से इलाकों में देखा जा रहा है कि एक गाय की मौत की अहमियत एक पुलिस वाले की मौत से अधिक है। अब इस जिन्न को वापस बोतल में डालना बहुत मुश्किल हो गया है।’
बच्चों को नहीं दी मजहबी तालीम: अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह (दूसरी पत्नी) का जिक्र छेड़ते हुए उन्होंने कहा, ‘मुङो अपनी औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है क्योंकि मैंने अपने बच्चों (इमाद और विवान) को मजहब की तालीम बिल्कुल नहीं दी है। हमने उन्हें अच्छाई और बुराई के बारे में सिखाया है और मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। हमने उन्हें कुरान शरीफ की कुछ आयतें जरूर सिखाई हैं ताकि उनका उच्चारण स्पष्ट हो सके। जैसे मूल रामायण या महाभारत पढ़ने से उच्चारण सुधरता है।’ उल्लेखनीय है कि अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए डर जताते हुए नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म अभिनेता आमिर खान की तर्ज पर बयान दिया है। आमिर ने भी 2015 में मोदी सरकार के खिलाफ असहिष्णुता की मुहिम के बीच अपने विवादास्पद बयान में कहा था, ‘मेरी पत्नी किरण इतनी डर गई हैं कि वह बच्चों को लेकर विदेश में रहना चाहती हैं।’