साभार: जागरण समाचार
सीबीआइ ने कहा है कि अगस्ता-वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपित बिचौलिये और ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल ने भारतीय वायुसेना के कुछ अधिकारियों को अपनी मुखौटा कंपनियों के माध्यम से 92.3
लाख रुपये दिए थे। वर्ष 2009-2013 के दौरान यह भुगतान दो सेवारत/रिटायर्ड वायुसेना अधिकारियों के हवाई यात्र पर हुए खर्च के बदले किया गया था।
जांच एजेंसी ने पांच दिनों के लिए हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए ब्रिटिश नागरिक को शनिवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने चार दिनों की रिमांड मंजूर कर ली है। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने सीबीआइ को 19 दिसंबर तक आरोपित से पूछताछ की अनुमति दी है। सीबीआइ ने अदालत से हिरासत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि आरोपित के बयानों का कुछ दस्तावेज से मिलान करना बेहद जरूरी है।
विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कहा कि मिशेल को मुंबई ले जाने की जरूरत है। डब्ल्यूजी-30 हेलीकॉप्टरों की पहचान करने के लिए उसे मुंबई के जुहू में स्थित पवन हंस इंडिया लिमिटेड के परिसर में भी ले जाना जरूरी है। सीबीआइ अभी तक मिशेल को दो बार पांच-पांच दिनों की रिमांड पर ले चुकी है।
मिशेल को चार दिसंबर को दुबई से लाया गया था। सीबीआइ ने पिछले साल सितंबर में इस घोटाले से संबंधित आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में क्रिश्चियन मिशेल के अलावा वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी सहित कई अन्य आरोपित नामजद हैं।