साभार: जागरण समाचार
प्री-नर्सरी के नाम पर निजी स्कूलों और प्ले स्कूलों की दुकानदारी अब खत्म होगी। नियमों को ताक पर रख तीन साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला दे रहे इन स्कूलों पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। शिक्षा
निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) और खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों (बीईईओ) को ऐसे स्कूलों पर एक्शन लेने का निर्देश दिया है जहां प्री-नर्सरी में बेहद कम उम्र के बच्चों को प्रवेश दिया गया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) ने विगत मई में नियम बनाया था कि कोई स्कूल प्री-नर्सरी में तीन साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला नहीं देगा। इसके बावजूद हरियाणा में बड़ी संख्या में प्ले स्कूलों के अलावा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल ऐसे हैं जहां दो-ढाई साल के बच्चों को एडमिशन दे दिया गया। शिक्षा विभाग के पास लगातार इसकी शिकायतें पहुंच रही हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्ले स्कूलों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के दायरे में लाने की व्यवस्था कर दी। इसका फायदा यह होगा कि सभी प्ले स्कूलों की मान्यता हर साल रिन्यू होगी और बच्चों की फीस भी सरकार निर्धारित करेगी।