साभार: जागरण समाचार
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगते हरियाणा के विभिन्न जिलों में करीब 50 झीलों या तालाबों का निर्माण किया जाएगा ताकि बरसात के दिनों में संभावित बाढ़ से बचा जा सके। मानसून के दौरान नदियों के अतिरिक्त पानी
को इन झीलों या जलाशयों में जमा किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बृहस्पतिवार को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि इन झीलों व जलाशयों का निर्माण बंजर या सेमग्रस्त भूमि पर किया जाए। इसके अलावा गंदे पानी से भरे तालाबों की सफाई सुनिश्चित की जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पहली बार यमुना नदी से मानसून में 16 हजार 500 क्यूसिक से अधिक पानी लिया गया जबकि इससे पहले 15 हजार क्यूसिक तक ही पानी लिया जाता था। इसके अलावा पश्चिमी यमुना कैनाल प्रणाली के मुख्य कार्यों के लिए 1500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं तैयार की गई हैं। वर्ष 1976-77 में निर्मित जवाहर लाल नेहरू कैनाल में 3250 क्यूसिक पानी बह रहा है। इंद्री हेड से सिरसा ब्रांच में 2200 क्यूसिक के मुकाबले 2700 क्यूसिक पानी बह रहा है।
सिंचाई विभाग के अफसरों ने सीएम को बताया कि पश्चिमी यमुना कैनाल की मुख्य ब्रांच में वर्ष 2017 के 8500 क्यूसिक के मुकाबले इस साल 10 हजार 50 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इसके अलावा मूनक कैनाल में 12 हजार 759 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने महेंद्रगढ़ के अंतिम छोर के क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए अधिकारियों की प्रशंसा भी की। साथ ही मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मेवात में पानी ले जाने की परियोजना पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए।