Sunday, December 16, 2018

निर्भया कांड के बाद सख्त हुआ कानून: जानिए क्या हैं मौजूदा प्रावधान

    Image result for hang the rapistसुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जेएस वर्मा की अगुवाई में महिला सुरक्षा संबंधी कानूनों को सख्त करने के लिए तीन सदस्यीय टीम बनी और सिफारिशें मांगी गई।
  • वर्मा कमिशन ने 29 दिनों में 631 पेज की रिपोर्ट 22 जनवरी 2013 में सरकार को सौंप दी थी।
  • कमिशन की सिफारिस पर संसद में बिल पास करा दो अप्रैल 2013 को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।  
  • नए कानून में दुष्कर्म के कारण अगर कोई महिला मरणासन्न अवस्था में पहुंचती है या मौत हो जाती है, तो फांसी तक की सजा हो सकती है।
  • जबरन शारीरिक संबंध बनाने के साथ यौनाचार और दुराचार को भी दुष्कर्म के दायरे में लाया गया। इसमें महिला को आपत्तिजनक तरीके से छूना भी शामिल है।
  • पीड़िता की उम्र अगर 18 वर्ष से कम है तो उसकी सहमति से बनाया गया संबंध भी दुष्कर्म की श्रेणी में आता है।
  • अब दुष्कर्म के मामलों में सात साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
  • सामुहिक दुष्कर्म में 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
  • दोबारा दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद से फांसी तक की सजा का प्रावधान है।
  • छेड़छाड़ की सजा दो साल से बढ़ाकर पांच साल कर दी गई है। इसमें से एक वर्ष तक जमानत नहीं हो सकती।
  • महिला पर आपराधिक बल प्रयोग कर कपड़े उतारने पर मजबूर करने या जबरन उतारने या किसी और को उकसाने पर तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
  • महिला का पीछा करने या उसे गलत नीयत से जानबूझकर छूने का प्रयास करने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।