हरियाणा सरकार के आदेशों के करीब छह माह बाद भी सरकारी कार्यालयों में जिला स्तर पर होने वाली तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अधिकारियों की इस उदासीनता से सख्त नाराज हैं। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को लेकर प्रत्येक विभाग में बरती
जा रही ढिलाई पर रिपोर्ट तलब कर ली है। सभी विभागाध्यक्षों को पांच दिसंबर तक रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश के सरकारी विभागों में ग्रुप सी व डी के करीब दो लाख पद खाली चल रहे हैं। सरकार ने 31 मई 2016 को ग्रुप सी व डी के करीब 50 हजार पदों पर आउटसोर्सिग के जरिए भर्ती करने का निर्णय लिया था। नौ जून 2016 को सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को जिला स्तर पर खाली पदों पर भर्ती करने के आदेश हो चुके थे। इस पर विपक्ष ने यह कहते हुए सवाल उठाए थे कि अपनी पसंद के लोगों को एडजस्ट करने के लिए खेल खेला जा रहा है। विभिन्न सांसदों और विधायकों ने अपनी पसंद के उम्मीदवार एडजस्ट करने के लिए अफसरों पर दबाव बढ़ा दिया है, जिस कारण उन्होंने पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया को लेकर हाथ खड़े कर दिए। कुछ सांसद और विधायक इसलिए नाराज हैं कि उनकी पसंद को तरजीह नहीं दी जा रही, मगर अफसर अपनी पसंद के उम्मीदवार एडजस्ट करना चाह रहे हैं। नतीजतन पूरा मामला ही लटक गया है।