Wednesday, December 21, 2016

महिलाएं माँ बनने के बाद हो जाती हैं स्नेही और भावुक, पुरुषों को पिता बनने पर नहीं पड़ता ज्यादा असर

महिलाएं मां बनने के बाद ज्यादा भावुक और स्नेही हो जाती हैं। जबकि पुरुषों पर पिता बनने के बाद भी कोई खास असर नहीं होता है। यह दावा स्पेन के वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने पहली बार मां बनने वाली महिलाओं का प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में ब्रेन को स्कैन किया। इसमें देखा कि मां बनने के बाद जब वे अपने बच्चे को देखती हैं तो उनके चेहरे का एक्सप्रेशन बदल जाता है। जबकि दूसरे बच्चों को देखने पर उन्हें कोई
असर नहीं हुआ। वहीं, पहली बार पिता बनने वाले पुरुषों के चेहरे पर दोनों अवस्थाअों में ज्यादा असर नहीं पड़ा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बदलाव की मुख्य वजह प्रेग्नेंसी है। इसके अलावा महिला के ब्रेन में मौजूद ग्रे मैटर के संकुचन भी शामिल होते हैं। इस वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान प्रवाहित होने वाले हार्मोन्स मां के ब्रेन को अधिक प्रभावित करते हैं। यह परिवर्तन महिलाओं में मां बनने के दो साल बाद तक चलता है। इसके कारण मां का अपने बच्चे से प्यार और बढ़ता है। वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च पहली बार मां बनने वाली 25 महिलाओं पर किया। इसमें उन्होंने पाया कि इन महिलाओं के ब्रेन में बदलाव गर्भ में भ्रूण बनने के साथ ही शुरू हो जाता है। उनके शरीर में प्रेग्नेंसी के बाद प्रोजेस्ट्रान हार्मोन का लेवल पहले से 10 से 15 गुना बढ़ गया। जबकि ओएस्ट्रोजेन लेवल इतना बढ़ गया, जितना प्रेग्नेंसी से पहले कभी नहीं हुआ था। शोधकर्ताओं का कहना है 'ग्रे मैटर महिलाओं के ब्रेन में नर्व नेटवर्क को रिफाइन करता है। इससे उनका इमोशन और बढ़ता है। यह प्रक्रिया उसी तरह से होती है जैसे किसी के वयस्क होने पर होती है। इसमें ब्रेन का सेरेब्रल कार्टेक्स भी शामिल होता है। यह ब्रेन का सबसे पतला भाग होता है। इसे थ्योरी ऑफ माइंड नेटवर्क भी कहा जाता है। ग्रे मैटर महिलाओं के दिमाग में एक अच्छी छवि भी बनाता है। इससे मांओं को अपने बच्चे की जरूरत को पहचानने में मदद मिलती है।' 
हालांकि शोधकर्ताओं को रिसर्च में नई मांओं के भुलक्ड़पन की वजह मालूम करने में कामयाबी नहीं मिली। रिसर्च में शामिल ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाएं नए शब्द सीखने में कमजोर साबित हुईं। 
इस रिसर्च को यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना की प्रोफेसर इलसेलाइन होएकाजेमा और उनके साथियों ने किया है। इसमें पहली बार मां बनने वाली 25 महिला पिता बनने वाले 19 पुरुष और बिना बच्चे वाले 17 पुरुष और 20 महिला शामिल थीं। ये सभी पुरुष और महिलाएं उच्च शिक्षा प्राप्त थीं। खासकर महिलाएं अलग-अलग एजुकेशनल बैकग्राउंड की थीं। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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