अनाथालय या बालगृह से बच्चा गोद लेना है तो आपके
पास आधार पंजीकरण होना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर घर को किलकारियों से
गुलजार करने के लिए लंबा इंतजार करना होगा। सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स
अथॉरिटी (कारा) ने आधार पंजीकरण के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। महिला
एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले कारा ने गोद लेने की प्रक्रिया
में आधार को प्राथमिकता देने का यह निर्णय लिया है। इस बारे में बाल
आयोग
के पूर्व सदस्य विनोद कुमार का कहना है कि यह एक स्वागत योग्य पहल है।
लेकिन ऐसी योजनाओं की समय-समय पर समीक्षा भी जरूरी है। ऐसे में गैरकानूनी तरीके से बच्चों को गोद लेने
के मामलों में कमी आएगी। वहीं गोद लिए गए बच्चों के बारे में जानकारी लेना
भी आसान होगा। सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को आधार से जोड़ने के क्रम में
किए गए इस फैसले के तहत कारा ने सभी एडॉप्शन सेंटर के लिए इससे संबंधित
निर्देश जारी कर दिए हैं। यह कहा गया है कि अगर कोई दंपति बच्चा गोद लेना
चाहता है तो प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही आधार नंबर का पंजीकरण कराना
होगा। आधार पंजीकरण के बारे में सबसे पहले यूपीए सरकार में विचार किया गया
था, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे अमलीजामा पहनाया है। हालांकि, सर्वोच्च
न्यायालय का कहना है कि किसी भी योजना के लिए आधार नंबर अनिवार्य नहीं
बनाया जाना चाहिए। इससे पहले अनाथ बच्चों
को पहचान दिलाने के लिए मंत्रालय यूआईडी प्राधिकरण के साथ मिलकर आधार नंबर
जारी करने की योजना भी शुरू कर चुका है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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