नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें।
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
हमारा शरीर बचपन में वैसे तो सही होता है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती
जाती है, दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। अगर आप हेल्दी हैं तो आप दौड़ सकते
हैं, कूद सकते हैं और एक्सरसाइज़ भी कर सकते है। लेकिन आज के समय में बहुत
सारे लोग कमर दर्द से इस कदर परेशान रहते हैं, जिसके चलते वो मॉर्डन लाइफ
का मजा नहीं ले पाते। दरअसल, लगातार कम्प्यूटर पर काम करना, टीवी के सामने
बैठे रहना या फिर झुककर पढ़ने से कमर दर्द होने लगता है। आज हम आपको कमर दर्द से निजात पाने के लिेए कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिनका आप काम करते वक्त खास ध्यान रखें। - पोश्चर सही रखें: कमर दर्द होने पर सबसे ज़रूरी है कि आपके बैठने का तरीका सही होना चाहिेए। आपके बैठने-उठने के गलत तरीके से कमर पर बुरा असर पड़ता है। जब भी आप बैठते, खड़े होते या सोते हैं, तो अपने पोश्चर का ध्यान रखें। पोश्चर हमारे हेल्थ पर असर डालता है। कई बार सोते वक्त पोश्चर सही न होने की वजह से कमर दर्द या बॉडी के किसी हिस्से में दर्द होने लगता है। इसलिए सबसे पहले पोश्चर को सही करें। इसके साथ ही, रिस्पेरेटरी सिस्टम और डाइजेस्टिव सिस्टम को सही रखना भी ज़रूरी है।
- सेंस (समझ) को बैलेंस करें: जितना कहना आसान है, उतना ही करना मुश्किल है। अपने सेंस को डेवलप करने में किसी को भी काफी टाइम लगता है। डेली लाइफ में ज़रूरी एक्सरसाइज़ को शामिल करें। इससे आपके दिमाग और बॉडी के बीच एक कनेक्शन बना रहेगा। इस कनेक्शन का बना रहना इसलिए जरूरी है, क्योंकि जब भी आपके दिमाग को मांसपेशियों के उपयोग की ज़रूरत हो, तो आपकी बॉडी तुरंत सिग्नल दे सके। सेंस को बैलेंस करने के लिए आपको रोज़ कुछ एक्टिविटीज की प्रैक्टिस करनी चाहिए, जैसे योगा और पाइलेट्स।
- बैठने का तरीका सही हो: जब आप बैठते हैं तो आपका तरीका सही होना चाहिए। कई बार बैठने के गलत तरीके से भी कमर का दर्द होने लगता है। जब आप लंबे समय तक बैठते हैं, आपकी कोर (पेट और कमर के बीच की मांसपेशियां) इसके लिए सपोर्ट करती है। ये मांसपेशियां अधिक बार यूज़ करने पर इग्ज़ॉस्टिड हो जाती हैं और आपकी बॉडी थकने लगती है। इसलिए बैठते समय बॉडी का खास ध्यान रखें। आपके पैर और घुटने में 90 डिग्री एंगल हो और आपकी बैक कुर्सी के पीछे तक हो। इसके साथ यह भी ज़रूरी है कि आपकी डेस्क और चेयर के बीच दूरी होनी चाहिए। झुककर कभी काम न करें। ऐसा ज्यादा समय तक करने पर कमर में दर्द की शिकायत होगी ही।
- रोज़ एक्सरसाइज़ करें: जो लोग रोज़ एक्सरसाइज़ करते हैं, उन्हें कमर दर्द या गर्दन के दर्द की कम शिकायत होती है। जितना आप पैदल चलेंगे, उतना ही फिट और हेल्दी रहेंगे। इस फंडे को अपनाने से आपकी बॉडी फिट रहेगी। आप अपनी फिटनेस के हिसाब से स्पोर्ट्स या कोई भी एक्टिविटी करना शुरू कर दें। आप योगा, जॉगिंग, वॉक, वॉलीवॉल और मसल्स को डेवलप करने वाले दूसरी एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। रोज़ एक्सरसाइज़ करने के लिए नियम बना लें। इसे अपनी रूटीन में शामिल करें। एक्सरसाइज़ करने से बॉडी को काफी फायदा होता है। रोज़ की एक्सरसाइज़ के लिए शुरुआत में ट्रेनर रख सकते हैं।
- कपड़ों और एसेसरीज पर ध्यान दें: इसमें कोई शक नहीं कि महिलाएं सुंदर दिखने के लिए कुछ भी पहन सकती हैं। अगर आपको खुद को अच्छे से कैरी कर रही हैं और आपको लगता है कि इस तरह के कपड़े और एसेसरीज आपकी बॉडी के लिए फिट हैं तो आप कैरी करें। लेकिन अगर नहीं, तो आपके कपड़े और एसेसरीज आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं। शायद ही आपको कोई ऐसी महिला दिखेगी जो हाई हील न पहनती हो। चाहे हमारी स्पाइन पर एक्स्ट्रा लोड पड़ रहा हो, लेकिन पहननी हील ही है। हील के अलावा हैंडबैंग भी है। ये हमेशा एक हाथ या कंधे पर लटका रहता है। हील और हैंडबैग के बिना आज के टाइम में महिलाओं का बाहर निकलना थोड़ा मुश्किल है। हमें चाहे कितनी भी परेशानी हो, लेकिन हम बैग या हील के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते। दरअसल, यही असली रीज़न होता है कमर दर्द या गर्दन में दर्द होने का। हैंडबैग, हील और एसेसरीज, इनसे ही आपके पोश्चर का तरीका बदल जाता है और आपकी नसों, लिगामेंट्स और जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है। अगर आप नया बैग खरीदने की सोच रही हैं, तो कोशिश करें कि मीडियम साइज़ का लें। इसके अलावा, अगर आप कोई एसेसरीज पहन रही हैं तो ध्यान रहे है कि इससे आपको कोई परेशानी न हो।
- स्ट्रेचिंग रोज़ करें: बॉडी को लचीला बनाने के लिए एक्सरसाइज़ करना ज़रूरी है। इस तरह से खुद को फिट रखने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए ये ज़रूरी है। जिन लोगों को गर्दन और कमर का दर्द होता है, उन्हें स्ट्रेचिंग करने से काफी फायदा होता है। दिन में थोड़ी-सी स्ट्रेचिंग करने से बॉडी और मसल्स रिलेक्स रहती है। इसके लिए आप सीधे खड़े या बैठकर स्ट्रेच करें और एक बार में एक ही मसल्स को स्ट्रेच करें। स्ट्रेचिंग करते वक्स थोड़ी सावधानी बरतें।
- खुद को स्ट्रेस से दूर रखें: शरीर में होने वाली दिक्कतें दरअसल स्ट्रेस से ज़्यादा बढती हैं। स्ट्रेस बढ़ने से आपका इमोशनल लेवल बढ़ता है। हम अपने इमोशन और फीलिंग को कंट्रोल नहीं कर सकते है, जिससे उदासी, गुस्सा आना और नर्वस होना जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। जब आपको ज़्यादा स्ट्रेस होता है तो आपके दिमाग और बॉडी में हलचल-सी मच जाती है, क्योंकि आपकी मांसपेशियां तनाव से भर जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जब कभी भी आपको इस तरह की दिक्क्त हो, आप एक गहरी सांस लें और खुद को रिलेक्स करने की कोशिश करें।
अगर आपका काम ज़्यादा देर तक बैठे रहने का है तो कमर दर्द और गर्दन के
दर्द के लिए तैयार हो जाइए। हमने आपको कुछ टिप्स दी है, शायद आपको इनसे
कुछ फायदा हो। ऑफिस में लगातार बैठे रह कर काम करने से आपको इस तरह की
दिक्कत हो सकती है, इसलिए खुद का ध्यान रखें और फिट रहें।
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group
“EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE