Thursday, September 18, 2014

जीभ के रंग से पहचानें ये बीमारियां

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आपने ज़्यादातर मुंह, कान, नाक या आंखों से संबंधित बीमारियों के बारे में ही सुना है, लेकिन जीभ से जुड़ी भी कई तरह की परेशानियां होती हैं। जीभ से न सिर्फ खाने के स्वाद का पता लगता है, बल्कि जीभ हमारे स्वास्थ्य का भी संकेत देती है। क्या आप जानते हैं कि आपकी जीभ का रंग बार-बार क्यों बदलता रहता है? क्यों हेल्दी और अच्छी डाइट लेने के बावजूद भी आपकी जीभ में दर्द होता है? आज हम आपको जीभ से जुड़ी कुछ समस्याओं के बारे में बताएंगे। 

  1. ब्लैक टंग (जीभ काली होना): स्मोकिंग, सॉफ्ट ड्रिंक, दवाई, सूखे मुंह या मुंह की सफाई न होने के कारण जीभ काली (ब्लैक) होती है। वहीं, एंटीबायोटिक लेने के बाद बैक्टीरिया चेंज होते हैं। इसके चलते भी टंग काली हो जाती है।  
  2. जीभ में सूजन: जीभ में सूजन ज्यादातर किसी बीमारी के कारण ही होती है। जैसे जीभ का कैंसर, ओवरएक्टिव थायरॉइड, ल्यूकेमिया, एनीमिया और डाउन सिंड्रोम। एलर्जिक इन्फेक्शन होने की वजह से भी जीभ में सूजन आ सकती है।  
  3. सफेद जीभ: यह स्मोकिंग या एल्कोहल की वजह से होती है। हालांकि, अगर जीभ पर सफेद लाइन्स या धब्बे पड़े हों, तो यह ओरल लिचेन प्लानस (इसमें जीभ में दर्द, सूजन या जलन होती है , यह पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होती है) की वजह से हो सकता है। यह खराब ओरल हाइजीन, हेपेटाइटिस सी और एलर्जी की वजह से होती है। 
हेयरी टंग (जीभ पर बाल): अगर जीभ पर बाल आने लगें, तो इसकी वजह एंटीबायोटिक्स होता है। वहीं, जीभ को ज्यादा तकलीफ देने वाले प्रोडक्ट्स लेने से भी ऐसा हो सकता है, जैसे कॉफी या माउथवॉश या फिर स्मोक। 
रेड टंग (जीभ लाल होना): जीभ विटामिन की कमी या कावासाकी बामारी की वजह से ज्यादा लाल हो जाती है। वहीं, अगर जीभ थोड़े समय के लिए लाल होती हो, तो यह खाने में रंग इस्तेमाल करने की वजह से भी हो सकता है। 
जीभ का हल्का गुलाबी होना: जीभ का हल्का गुलाबी होना विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड या आयरन की कमी की वजह से होता है। वहीं, कई लोगों को ग्लूटन एलर्जी (ग्लूटन फूड खाने के बाद) होने से भी यह हो सकता है। ग्लूटन सोया सॉस, आइसक्रीम में भी मौजूद होता है। 
जलन होना: महिलाओं में जीभ पर जलन होना मासिक धर्म बंद होने के बाद होता है। वहीं, कभी-कभार यह स्मोकिंग के चलते भी होती है। 
दर्द होना: जीभ में दर्द किसी चोट या किसी छोटे-मोटे इन्फेक्शन के बाद होता है। इसके अलावा. वायरस की वजह से जीभ पर अल्सर होने से दर्द होता है। वहीं, इसके अलावा जीभ में दर्द कैंसर, एनीमिया, ओरल हर्प्स
 (जीभ, होंठ या मुंह में इन्फेक्शन होना) और दांतों पर लगे ब्रेसेस (दांतों पर स्टील या तांबे की जाली) की वजह से भी होता है।   
इरिथ्रोप्लाकिया: इस बीमारी में जीभ पर रेड पैचेज़ या लाल धब्बे पड़ जाते हैं। यह एक तरह का ओरल कैंसर होता है। इसमें जीभ पर लाल धब्बों के साथ दर्द भी होता है। इस केस में डॉक्टर किसी ओरल सर्जन या ENT स्पेशलिस्ट (गले, कान और नाक का स्पेशलिस्ट) को दिखाने की सलाह देते हैं।

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साभार: भास्कर समाचार
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