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भारत में तुलसी सिर्फ धार्मिक इस्तेमाल के लिए ही नहीं उपयोग नहीं की
जाती है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी हैं। कैंसर और पथरी जैसी गंभीर बीमारियों
को भी तुलसी के लगातार सेवन से ठीक किया जा सकता है। यह घर में आसानी से
उपलब्ध हो जाती है, इसलिए यह सबसे किफायती औषधि है। तुलसी में
एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इन्फेक्शन और सर्दी-जुकाम से राहत देते हैं।
इस पौधे के क्या फायदे हैं, आइए जानते हैं:
- पथरी: तुलसी की पत्तियां किडनी के लिए काफी अच्छी होती हैं। तुलसी रक्त से यूरिक एसिड लेवल को कम करती है, जो किडनी में पथरी बनने का मुख्य कारण होता है। इसके साथ ही किडनी को साफ भी करती है। तुलसी में मौजूद एसेटिक एसिड और दूसरे तत्व किडनी की पथरी को गलाने का काम करते हैं। साथ ही इसका पेनकिलर प्रभाव पथरी के दर्द को दूर करता है। किडनी की पथरी को निकालने के लिए तुलसी की पत्तियों के जूस को शहद के साथ मिलाकर 6 महीने तक रोज पिएं।
- बुखार: तुलसी में कीटाणुनाशक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। एंटी-बायोटिक बुखार कम करने के लिए भी ज़रूरी होता है। यह इन्फेक्शन की वजह से होने वाली बीमारियों और मलेरिया से भी राहत देती है। आयुर्वेद के अनुसार, जो इंसान बुखार से पीड़ित हो, उसे तुलसी का काढ़ा बहुत ही फायदा करता है। इसे बनाने के लिए तुलसी की कुछ पत्तियों को आधे लीटर पानी में इलायची पाउडर के साथ मिलाकर तब तक गर्म करें, जब तक यह मिक्सचर आधा न रह जाए। तुलसी की पत्तियों और इलायची पाउडर का अनुपात (1:0:3) होना चाहिए। इस काढ़े को चीनी और दूध के साथ मिलाकर प्रत्येक दो से तीन घंटे में ज़रूर पिएं। यह उपचार बच्चों को बुखार से जल्दी आराम पहुंचाता है।
- डायबिटीज़: तुलसी की पत्तियां एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एसेंशियल ऑयल से भरपूर होती हैं, जो युगेनॉल, मेथाइल युगेनॉल और कार्योफेलिन का निर्माण करती हैं। ये पदार्थ पैनक्रियाटिक बेटा सेल्स (सेल्स जो इंसुलिन को स्टोर करते हैं और उसे बाहर निकालते हैं) को ठीक तरह से काम करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन की सेंसिविटी को बढ़ाते हैं। यह ब्लड से शुगर लेवल भी कम करते हैं और डाइबिटीज़ का ठीक तरह से इलाज करते हैं।
- दिल का रखती है ख्याल: तुलसी में शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व युगेनॉल होता है। यह तत्व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करके दिल की देखभाल करता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। हार्ट को हेल्दी बनाने के लिए रोज खाली पेट सूखी तुलसी की पत्तियां चबाएं। इससे किसी भी तरह के हृदय संबंधी रोग दूर रहते हैं।
- थकान: रिसर्च के अनुसार, तुलसी स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को संतुलित रखती है। इसकी पत्तियों में शक्तिशाली एटॉप्टोजन गुण होते हैं, जिन्हें एंटी-स्ट्रेस एजेंट भी कहते हैं। यह नर्वस सिस्टम और ब्लड सर्कुलेशन को नियमित रखता है। साथ ही, थकान के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स को कम करता है। जिन लोगों की नौकरी बहुत थकाऊ है, उन्हें रोज दो बार तुलसी की लगभग 12 पत्तियां खानी चाहिए।
- कैंसर: शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होने के कारण तुलसी की पत्तियां ब्रेस्ट कैंसर और मुंह के कैंसर (तंबाकू के सेवन से होने वाला कैंसर) को बढ़ने को रोकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी के घटक ट्यूमर तक रक्त के प्रवाह को नहीं पहुंचने देते। कैंसर से बचने के लिए व इसके प्रभाव को कम करने के लिए रोज तुलसी का सत्व पिएं।
- स्मोकिंग छोड़ने में करती है मदद: तुलसी में शक्तिशाली एंटी-स्ट्रेस तत्व होने के कारण यह स्मोकिंग छोड़ने में मददगार हो सकती है। जिस स्ट्रेस की वजह से लोग धूम्रपान के आदी हो जाते हैं, तुलसी की पत्तियां उस स्ट्रेस लेवल को कम कर देती हैं। इसे चबाने पर यह गले को कूलिंग इफेक्ट देती है। मुंह में कुछ न कुछ चबाने से सिगरेट पीने की आदत अपने आप छूट जाती है। इसलिए जब भी आपका मन सिगरेट पीने का हो, तो इसके बजाय तुलसी की कुछ पत्तियां चबा लें। इससे आपकी सिगरेट पीने की आदत तो छूटेगी ही, साथ ही इसकी वजह से जो शरीर को नुकसान हुआ है, उसे भी यह कम कर देगी।
- बालों और स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाती है: तुलसी की पत्तियों में शुद्धिकरण के गुण होते हैं। यह रक्त को साफ करती है, जिससे आपको खूबसूरत, ग्लोइंग स्किन मिलती है और मुंहासे भी कम होते हैं। इसका एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण मुंहासे कम करने में बहुत उपयोगी होता है। यह दूसरे स्किन इन्फेक्शन जैसे दाद-खाज को भी दूर कर देती है। इसके अलावा, सिर की खुजली भी दूर करती है और हेयरफॉल कम करती है। इसके लिए तुलसी पाउडर को कोकोनेट ऑयल के साथ मिक्स करके रोज लगाएं। इससे हेयर फॉल कम होगा। तुलसी की पत्तियों को रोज सूखी, जूस या पेस्ट के रूप में स्किन या बालों पर लगाने से फायदा होता है।
- सांस की तकलीफ: तुलसी में इम्यून सिस्टम को संतुलित करने, खांसी कम करने और सीने से उसे बाहर करने के गुण होते हैं। इसलिए इसके सेवन से खांसी, जुकाम और सांस की बीमारियों में फायदा होता है। इसके अलावा, तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण भी होते हैं जो श्वसन क्रिया में किसी प्रकार के इन्फेक्शन को दूर करते हैं।
- सिरदर्द: तुलसी हर तरह के सिरदर्द जैसे एलर्जी, ठंड या माइग्रेन से होने वाले दर्द में आराम देती है। तुलसी में दर्द और सर्दी-खांसी से राहत दिलाने जैसे कई गुण होते हैं। अगर आप सिरदर्द से परेशान हैं तो कसी हुई तुलसी की पत्तियों या तुलसी के सत्व को पानी में डालकर उबालें। अब इसे थोड़ा गुनगुना होने दें। इसके बाद इस पानी में तौलिए को डुबोकर निचोड़ें और सिर पर लगाएं। इससे आपको राहत मिलेगी।
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साभार: भास्कर समाचार
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