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आजकल पासबुक ले जाकर बैंक से पैसे निकालने के दिन नहीं रह गए हैं।
डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का जमाना आ गया है। भारत के वर्किंग क्लास की
बात करें तो लगभग सभी के पास डेबिट कार्ड तो होता ही है और ज्यादातर के
पास क्रेडिट कार्ड भी। लोग डेबिट-क्रेडिट कार्ड प्रयोग तो करते हैं, लेकिन
इसके बारे में संपूर्ण और सटीक जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। आइए जानते हैं डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड में दिए गए हर नंबर का
क्या होता है मतलब? कैसे डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के नंबर को कोड किया
जाता है? साथ ही जानिए कि कैसे इन नंबरों में आपके अकाउंट के साथ-साथ इसे
जारी करने वाली कंपनी का भी छुपा होता है राज:
डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का पहला नंबर: यह उस इंडस्ट्री को दर्शाता है, जिसने कार्ड जारी किया है। जैसे बैंक,
पेट्रोलियम कंपनी इत्यादि। इसे मेजर इंडस्ट्री आइडेंटिफायर (MII: Major
Industry Identifier) कहते हैं। यह अलग-अलग इंडस्ट्री के लिए अलग-अलग होता
है, जिसका ब्यौरा नीचे दिया है:
0- ISO और अन्य इंडस्ट्री
1- एयरलाइन्स
2- एयरलाइन्स और अन्य इंडस्ट्री
3- ट्रैवेल और इंटरटेनमेंट (अमेरिकन एक्सप्रेस या फूड क्लब)
4- बैंकिंग और फाइनेंस (वीजा)
5- बैंकिंग और फाइनेंस (मास्टर कार्ड)
6- बैंकिंग और मर्चेंडाइजिंग
7- पेट्रोलियम
8- टेलिकम्युनिकेशन्स और अन्य इंडस्ट्री
9- नेशनल असाइनमेंट
पहले 6 नंबर: डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के पहले 6 नंबर कार्ड जारी करने वाली कंपनी को दर्शाता है। इसे Issuer Identification Number (IIN) कहते हैं। जैसे-
अमेरिकन एक्सप्रेस: 34XXXX, 37XXXX
वीजा: 4XXXXX
मास्टर कार्ड: 51XXXX-55XXXX
7वें नंबर से लेकर अंतिम का एक नंबर छोड़ने तक: 7वें नंबर से लेकर n-1 (कार्ड के आखिरी नंबर को छोड़कर) तक का नंबर आपके बैंक अकाउंट नंबर से लिंक रहता है। यह हू-ब-हू आपका बैंक अकाउंट नंबर नहीं होता, लेकिन उससे लिंक होता है।
आखिरी नंबर: डेबिट या क्रेडिट कार्ड का आखिरी नंबर चेक डिजिट के नाम से जाता है। इसके माध्यम से यह जाना जाता है कि कार्ड वैलिड है या नहीं?
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9- नेशनल असाइनमेंट
पहले 6 नंबर: डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के पहले 6 नंबर कार्ड जारी करने वाली कंपनी को दर्शाता है। इसे Issuer Identification Number (IIN) कहते हैं। जैसे-
अमेरिकन एक्सप्रेस: 34XXXX, 37XXXX
वीजा: 4XXXXX
मास्टर कार्ड: 51XXXX-55XXXX
7वें नंबर से लेकर अंतिम का एक नंबर छोड़ने तक: 7वें नंबर से लेकर n-1 (कार्ड के आखिरी नंबर को छोड़कर) तक का नंबर आपके बैंक अकाउंट नंबर से लिंक रहता है। यह हू-ब-हू आपका बैंक अकाउंट नंबर नहीं होता, लेकिन उससे लिंक होता है।
आखिरी नंबर: डेबिट या क्रेडिट कार्ड का आखिरी नंबर चेक डिजिट के नाम से जाता है। इसके माध्यम से यह जाना जाता है कि कार्ड वैलिड है या नहीं?
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साभार: भास्कर समाचार
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