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पैन कार्ड एक ऐसा डॉक्युमेंट है, जिसकी जरूरत दैनिक उपयोग के
कई आवश्यक कार्यों में पड़ती है। इनकम टैक्स रिटर्न भरने में भी पैन नंबर
जरूरी होता है। तत्काल टिकट में भी आईडी प्रूफ की आवश्यकता होती है, जिसमें
अधिकांश लोग पैन नंबर देना ही जरूरी समझते हैं। क्या कभी सोचा है कि आखिर पर्मानेंट एड्रेस नंबर, यानी पैन नंबर में
ऐसा क्या छिपा है, जो आपके और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए जरूरी है।
चलिए हम आपको पैन
कार्ड और पैन नंबर से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे। हम यह भी
बताएंगे कि पैन कार्ड पर मौजूद नंबर का क्या मतलब होता है। आइए जानते हैं पैन कार्ड में दिए गए हर नंबर का क्या होता है मतलब:
पैन कार्ड नंबर एक 10 डिजिट का खास नंबर होता है, जो लेमिनेटेड कार्ड
के रूप में आता है। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट वाले उन लोगों को इश्यू
करते हैं, जो पैन कार्ड के लिए अर्जी देते हैं। पैन कार्ड बन जाने के बाद
उस व्यक्ति के सारे फाइनेंशियल ट्रान्जैक्शन डिपार्टमेंट के पैन कार्ड से
लिंक हो जाते हैं। इनमें टैक्स पेमेंट, क्रेडिट कार्ड जैसे कई फाइनेंशियल
लेन-देन डिपार्टमेंट की निगरानी में रहते हैं।
- इस नंबर के पहले तीन डिजिट अंग्रेजी के लेटर्स होते हैं। यह AAA से लेकर ZZZ तक कोई भी लेटर हो सकता है। ताजा चल रही सीरीज के हिसाब से यह तय किया जाता है। यह नंबर डिपार्टमेंट अपने हिसाब से तय करता है।
- पैन कार्ड नंबर का चौथा डिजिट भी अंग्रेजी का ही एक लेटर होता है। यह पैन कार्डधारी का स्टेटस बताता है। इसमें: P- एकल व्यक्ति (Individual), F- फर्म (Firm), C- कंपनी, A- AOP ( Association of Persons), T- ट्रस्ट, H- HUF (हिन्दू अनडिवाइडिड फैमिली), B-BOI (बॉडी ऑफ इंडिविजुअल), L- लोकल, J- आर्टिफिशियल जुडिशियल पर्सन, G- गवर्नमेंट के लिए प्रयोग होता है।
- पैन कार्ड नंबर का पांचवा डिजिट भी ऐसा ही एक अंग्रेजी का लेटर होता है। यह लेटर पैन कार्डधारक के सरनेम का पहला अक्षर होता है। यह सिर्फ धारक पर निर्भर करता है। गौरतलब है कि इसमें सिर्फ धारक का लास्ट नेम ही देखा जाता है।
- इसके बाद पैन कार्ड में 4 नंबर होते हैं। यह नंबर 0001 से लेकर 9999 तक, कोई भी हो सकते हैं। आपके पैन कार्ड के ये नंबर उस सीरीज को दर्शाते हैं, जो मौजूदा समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चल रही होती है। इसका आखिरी डिजिट एक अल्फाबेट चेक डिजिट होता है, जो कोई भी लेटर हो सकता है।
कहां-कहां है पैन कार्ड जरूरी: पैन कार्ड की मदद से आपको विभिन्न वित्तीय लेन-देन में आसानी होती है।
इसकी मदद से आप बैंक खाता और डीमैट खाता खोल सकते हैं। इसके अलावा
प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के लिए भी यह जरूरी होता है। दरअसल, पैन कार्ड
टैक्सेबल सैलरी या प्रोफेशनल फी हासिल करने के लिए भी आवश्यक है। यह इनकम
टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए भी जरूरी है। चूंकि पैन कार्ड पर नाम और फोटोग्राफ होता है, ऐसे में यह आइडेंटिटी
प्रूफ के तौर पर काम करता है। भले ही आपका पता बदलता रहे, लेकिन पैन नंबर
नहीं बदलता। ऊंची दर पर टैक्स डिडक्शन से बचने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। दरअसल,
जब आप 50 हजार रुपए से अधिक राशि की एफडी शुरू करते हैं, तो पैन कार्ड की
फोटोकॉपी देनी होती है। पैन के अभाव में ऊंची दर पर आपका टीडीएस काट लिया
जाएगा।
इन परिस्थितियों में भी है पैन कार्ड आवश्यक:
- दो पहिया के अलावा किसी अन्य वाहन की खरीद-बिक्री
- किसी होटल या रेस्तरां में एक बार में 25 हजार रुपए से अधिक की अदायगी
- शेयरों की खरीदारी के लिए किसी कंपनी को 50 हजार रुपए या इससे अधिक की अदायगी
- बुलियन या ज्वलैरी की खरीदारी के लिए पांच लाख रुपए से अधिक की अदायगी
- पांच लाख रुपए या इससे अधिक कीमत की अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री
- बैंक में 50 हजार रुपए से अधिक जमा
- विदेश यात्रा के संबंध में 25 हजार रुपए से अधिक की अदायगी
- बॉन्ड खरीदने के लिए आरबीआई को 50 हजार रुपए या इससे अधिक की अदायगी
- बॉन्ड या डिबेंचर खरीदने के लिए किसी कंपनी या संस्था को 50 हजार रुपए या इससे अधिक की अदायगी
- म्यूचुअल फंड की खरीदारी
क्या करें जब पैन कार्ड गुम हो जाए: पैन कार्ड आज किसी भी वित्तीय लेन-देन का अहम हिस्सा है। इसके अलावा
यह किसी व्यक्ति के पहचान पत्र के तौर पर भी काम करता है। ऐसे में यदि किसी
का पैन कार्ड गायब हो जाए, तो उसका परेशान होना लाजमी है। लेकिन उसे
परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, क्योंकि पैन कार्ड फिर से बनवाना
काफी आसान है। आइए जानें कैसे:
- इनकम टैक्स पैन सर्विसेज यूनिट की वेबसाइट पर जाएं। यहां आपको कई विकल्प दिखाई देंगे। इनमें से आप ‘रीप्रिंट ऑफ पैन कॉर्ड’ का विकल्प अपनाना चाहिए। यह उन लोगों के लिए होता है जिन्हें पहले से परमानेंट एकाउंट नंबर (पैन) एलॉट किया जा चुका है, लेकिन उन्हें फिर से पैन कार्ड की जरूरत होती है। इस विकल्प को अपनाने के बाद उस आवेदक को एक नया पैन कार्ड जारी किया जाता है, जिस पर वही नंबर होता है।
- आपको इस फॉर्म के सभी कॉलम भरने होंगे, लेकिन बायें मार्जिन के बॉक्स में किसी पर भी सही का निशान नहीं लगाना है। उसके बाद आपको 105 रुपए का पेमेंट करना होगा। आप चाहें तो क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, डिमांड ड्राफ्ट या चेक के जरिए यह भुगतान कर सकते हैं। यह सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद आप जब यह फॉर्म जमा करेंगे, तो आपके सामने एकनॉलेजमेंट रिसीट आएगा।
- आप इस रिसीट का प्रिंट निकालें। इस पर 2.5 सेमी गुणे 3.5 सेमी आकार का रंगीन फोटोग्राफ चिपकाएं। अपने हस्ताक्षर करें। अगर आप डिमांड ड्राफ्ट या चेक के जरिए भुगतान किया है, तो उसकी प्रति साथ में लगाएं। फिर इसे आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और डेट ऑफ बर्थ के प्रूफ के साथ एनएसडीएल के पुणे स्थित कार्यालय में भेज देना चाहिए।
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साभार: भास्कर समाचार
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