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स्कॉटलैंड ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा रहेगा या अलग देश बनकर नक्शे पर
उभरेगा, इसका फैसला यहां की जनता ने कर दिया है। बीते दो साल से आजादी के
लिए चलाए जा रहे अभियान का नतीजा दुनिया के सामने है। स्कॉटलैंड में कराए
गए जनमतसंग्रह में 55 फीसदी लोगों ने ब्रिटेन के साथ बने रहने के पक्ष में
मत दिया है। 300 साल से ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा बने रहने वाले स्कॉटलैंड
ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है। यहां हम स्कॉटलैंड के कुछ ऐसे
आविष्कारों
के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने लोगों की जिंदगी में बड़े बदलाव किए: - साइकिल: स्कॉटलैंड के डमफ्रीशायर के रहने वाले किर्कपैट्रिक मैक्मिलन ने 1839 में साइकिल का आविष्कार किया। उनके द्वारा बनाई पहली साइकिल बहुत ही भारी-भरकम थी और उसे चलाना बहुत मुश्किल था। मैक्मिलन ने इसे पेटेंट कराने के बारे में नहीं सोचा और न ही इस आविष्कार से पैसा कमाने की संभावना पर विचार किया। बाकी लोगों ने साइकिल की संभावनाओं को समझा और 1846 में गेविन डेल्जेल ने बेचने के लिहाज से मैक्मिलन के मॉडल पर साइकिलें तैयार की। हालांकि, मैक्मिलन पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ।
- टेलीफोन: एडिनबर्ग के रहने वाले एलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने 1875 में ऐसे रिसीवर का आविष्कार किया, जो इलेक्ट्रिसिटी को आवाज में बदल सकता था। इसी साल उन्हें टेलीफोन के लिए पेटेंट भी मिल गया। असल में देखा जाए, तो टेलीफोन का आविष्कार भी धोखे में ही हुआ था। बेल बधिर लोगों के लिए एक ऐसी डिवाइस बनाने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वो आवाज सुन सकें। इसी प्रक्रिया में टेलीफोन का आविष्कार हुआ।
- टेलीविजन: लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका टेलीविजन स्कॉटलैंड के साइंटिस्ट की ही देन है। 1926 में जॉन लॉगे बेयर्ड ने पहली बार टेलीविजन का दुनिया के सामने प्रदर्शन किया। इसके दो साल बाद इस स्कॉटिश साइंटिस्ट ने टेलीफोन लाइन के जरिए लंदन से न्यूयॉर्क पहला विदेशी प्रसारण किया। 1928 में इन्होंने दुनिया के सामने पहला रंगीन टेलीविजन पेश किया।
- पोस्टल स्टैम्प: स्कॉटिश जेम्स चालमर्स को चिपकाने वाले डाक टिकट के आविष्कार का श्रेय जाता है। 1800 के शुरुआत में पुस्तक विक्रेता रहे जेम्स चाहते थे कि डाक व्यवस्था तेज हो। इसी वजह से उन्होंने एकल दर के डाक के विचार पर जोर दिया। 1840 में यह विचार दुनिया के पहले डाक टिकट के साथ इस्तेमाल में लाया गया। इस टिकट पर महारानी विक्टोरिया की तस्वीर थी।
- एटीएम मशीन: एटीएम मशीन का आविष्कार दो अलग-अलग स्कॉटिश लोगों ने किया। स्कॉटिश आविष्कारक जेम्स गुडफेलो के नाम पर्सनल आइडेंटिफिनेशन नंबर यानी पिन टेक्नोलॉजी का पेटेंट है, जो कैश मशीन के लिए इस्तेमाल होता है। वहीं, 24/7 पैसे निकालने वाली मशीन का विचार दूसरे स्कॉटिश आविष्कारक जॉन शेफर्ड बैरन का था। उनकी पहली मशीन 1967 में लंदन में बार्कलेज बैंक के बाहर लगी।
- पेन्सिलीन: चिकित्सा के क्षेत्र में कई अहम आविष्कार भी स्कॉटलैंड के नाम हैं। उन्हीं में से एक पेन्सिलीन भी है। ये बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और निमोनिया जैसे इन्फेक्शन के इलाज में कारगर है। स्कॉटलैंड के रहने वाले एलेक्जेंडर फ्लेमिंग की अस्त-व्यस्त लेबोरेट्री में 1928 में इसका आविष्कार धोखे से हो गया था। फ्लेमिंग ने अपने लैब के सिंक में बेकार पेट्री पदार्थ डाल दिया था और जब सिंक साफ करने लगे तो उस पदार्थ ने सभी जीवाणुओं को मार डाला। इसके बाद पता चला कि ये पदार्थ पेन्सिलियम परिवार का है। हालांकि, करीब एक दशक के बाद केमिस्ट की टीम ने इसका सही मिश्रण तैयार किया।
- एनेस्थीसिया: स्कॉटलैंड के बाथगेट के रहने वाले सर जेम्स यंग सिम्पसन ने क्लोरोफॉर्म का आविष्कार किया, जो चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े आविष्कारों में से एक हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग में मिडवाइफरी (प्रसूति विद्या) के चेयरमैन सिम्पसन ने सर्जरी और प्रसव के समय इस्तेमाल होने वाले एनेस्थीसिया का इजाद किया। हालांकि, इसके इस्तेमाल को लेकर नैतिक, धार्मिक और मेडिकल, हर तरह के विरोध का सामना करना पड़ा। महारानी विक्टोरिया के प्रसव के दौरान इसके इस्तेमाल के बाद इसे स्वीकार कर लिया गया।
- फ्लशिंग टॉयलेट: स्कॉटलैंड के रहने वाले एलेक्जेंडर कम्मिंग ने फ्लशिंग टॉयलेट का डिजाइन अपने नाम पेटेंट कराया। उन्होंने एस-ट्रैप का आविष्कार किया, जिसके जरिए फ्लश का इस्तेमाल संभव हो पाया। आज भी इसी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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