Sunday, September 14, 2014

पीएफ में से कब और किता पैसा निकाला जा सकता है

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ये तो सभी जानते हैं कि तनख्‍वाह पाने वाले किसी भी कर्मचारी के लिए पीएफ बेहतर सेविंग स्‍कीम होती है, लेकिन अधिकांश लोगों को नहीं मालूम कि पीएफ बैलेंस को कब निकाला जा सकता है। पीएफ निकालने पर टैक्‍स लगता है या नहीं। आज हम आपको बताएंगे कि पीएफ का पैसा कब और कैसे निकाला जा सकता है। साथ ही इसमें यह भी बताया जाएगा कि अपना पीएफ अकाउंट
बैलेंस कैसे चेक किया जाए। पीएफ की राशि को इमरजेंसी की स्थिति में निकाला जा सकता है। सात परिस्थितियों में आप पीएफ की राशि को निकाल सकते हैं। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये सात परिस्थितियां, जिनमें पीएफ की राशि को निकाला जा सकता है: 
  1. एजुकेशन/ शादी: अपनी या भाई-बहन की या फिर अपने बच्‍चों की शादी के लिए पीएफ की राशि को निकाला जा सकता है। वहीं आप अपनी पढ़ाई या फिर बच्‍चों की पढ़ाई के लिए भी पीएफ की राशि को निकाल सकते हैं। हालांकि इसके लिए कम से कम 7 साल की नौकरी हो जानी चाहिए। साथ ही संबंधित कारण का प्रूफ आपको देना होगा। सबसे जरूरी बात यह है कि आप विद्ड्रॉ डेट तक कुल जमा में से 50 प्रतिशत रकम ही निकाल सकते हैं। 
  2. मेडिकल ट्रीटमेंट: आप अपने, पत्‍नी के, बच्‍चों के या फिर माता-पिता के इलाज के लिए भी पीएफ विद्ड्रॉ कर सकते हैं। इस स्थिति में आप कभी भी पीएफ विद्ड्रॉ कर सकते हैं यानी ये आवश्‍यक नहीं है कि आपकी सर्विस कितने समय की हुई है। आप विद्ड्रॉ डेट तक कुल पीएफ बैलेंस को निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको फॉर्म 31 के साथ प्रूफ देना होगा। 
  3. प्‍लॉट खरीदने के लिए: इस स्थिति में भी आप पीएफ बैलेंस विद्ड्रॉ कर सकते हैं, बशर्ते प्‍लॉट आपके, आपकी पत्‍नी के या दोनों के नाम पर रजिस्‍टर्ड होना चाहिए। इस तरह की स्थिति में आप एक ही बार विद्ड्रॉ कर सकते हैं। 
  4. घर बनाने के लिए: इस तरह की स्थिति में आपकी नौकरी के 5 साल पूरा होना आवश्‍यक है। 
  5. रि-पेमेंट ऑफ होम लोन: इसके लिए आपकी नौकरी के 10 साल होना चाहिए। 
  6. हाउस रिनोवेशन: इस स्थिति में आपके की नौकरी के कम से कम 5 साल पूरे होने चाहिए। 
  7. प्री-रिटायरमेंट: इसके लिए आपकी उम्र 54 वर्ष होनी चाहिए। इस स्थिति में आप कुल पीएफ बैलेंस में से 90प्रतिशत तक की रकम निकल सकते हैं, लेकिन यह विद्ड्रॉ सिर्फ एक ही बार किया जा सकता है।
यदि आप लगातार सर्विस के दौरान 5 साल से पहले पीएफ विद्ड्रॉ करते हैं तो यह टैक्‍सेबल होगा। यहां लगातार सर्विस से मतलब ये नहीं है कि एक ही संस्‍था में 5 साल तक सर्विस होना। आप सर्विस बदल सकते हैं और कोई भी संस्‍था ज्‍वाइन कर सकते हैं। आप अपने पीएफ अकांउट को नए एम्‍पलॉयर को ट्रांसफर  कर सकते हैं।

एम्प्लायर कम्पनी कर सकती है गड़बड़: कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को पीएफ देने के नाम पर पैसे काटती तो हैं, लेकिन उनके पीएफ अकाउंट में कोई पैसा जमा नहीं होता। कई बार तो ऐसा भी होता है कि उन्हें जो पीएफ अकाउंट दिया जाता है, वह भी नकली होता है। पीएफ पर 8.75% का ब्याज दिया जाता है, जिस कारण से इसमें पैसे जमा करने से आपको काफी फायदा होता है। ऐसे में पीएफ का पैसा यदि एक लंबे समय बाद निकाला जाए तो अच्छी-खासी रकम मिल जाती है। कहीं आपकी कंपनी भी आपको पीएफ के नाम पर बेवकूफ तो नहीं बना रही है। डरिए नहीं, हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह 5 मिनट से भी कम समय में आप अपने पीएफ अकाउंट का बैलेंस जान सकते हैं। पीएफ अकाउंट का बैलेंस जानने के लिए आपको अपने 3 जानकारियों का जरूरत होती है:
  1. कंपनी का इस्टेबलिशमेंट कोड
  2. आपका पीएफ अकाउंट नंबर
  3. जहां आपका अकाउंट मेंटेन किया जा रहा है उसका नाम 
आइए जानते हैं कैसे जानें अपना पीएफ अकाउंट बैलेंस:
  1.  पीएफ बैलेंस जानने के लिए सबसे पहले आप अपनी सैलरी स्लिप से अपना ईपीफओ नंबर निकाल लीजिए और इस वेबसाइट पर क्लिक कीजिए- http://www.epfindia.gov.in 
  2. बैलेंस की जानकारी वाले लिंक पर क्लिक करें। 
  3. अपना पीएफ ऑफिस स्टेट सिलेक्ट करें। आपको अपना पीएफ ऑफिस स्टेट सिलेक्ट करना होगा, जहां पर आपका पीएफ अकाउंट खुला है। यदि आपको नहीं पता है कि आपका पीएफ अकाउंट कहां खुला है, तो इसके बारे में अपनी कंपनी के एचआर से इस बारे में बात कर सकते हैं।
  4. पीएफ ऑफिस स्टेट की जिस सिटी में है, उसे सिलेक्ट करें। 
  5. अब आपको एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा, जिसमें आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर और पीएफ नंबर डालना होता है। पीएफ नंबर के कॉलम में इस्टेबलिशमेंट कोड, एक्सटेंशन और अकाउंट नंबर डालना होता है, जैसा कि तस्वीर में दिखाया गया है। यदि आपको एक्सटेंशन नंबर न पता हो, तो इसे खाली भी छोड़ा जा सकता है।
  6. सबमिट बटन पर क्लिक करने के तुरंत बाद आपके पास एसएमएस आ जाएगा। इसमें आपके पीएफ बैलेंस की जानकारी होगी।
जानें पीएफ कोड में किसका क्या है मतलब: यदि आपका पीएफ कोड UP/12345/123 है, तो इसमें UP से मतलब है कि आपका अकाउंट उत्तर प्रदेश (UP) में मेंटेन किया जाता है। इसके बाद का नंबर (12345) इस्टेबलिशमेंट कोड कहा जाता है, जो अधिकतर 7 अंकों का हो सकता है। अन्त का कोड (123) अकाउंट नंबर होता है। 
इस्टेबलिशमेंट कोड: अगर कंपनी द्वारा इस्टेबलिशमेंट कोड नहीं मिला है, तो आप ईपीएफओ की वेबसाइट से भी कंपनी का इस्टेबलिशमेंट कोड जान सकते हैं। यदि आपको कंपनी का इस्टेबलिशमेंट कोड न पता हो तो इसके लिए वेबसाइट पर Establishment search लिंक पर क्लिक करें। उस एरिया का पिनकोड डालें, जहां आपका पीएफ अकाउंट मेंटेन किया जा रहा है। इसके बाद सर्च पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद आपके सामने दिखाई गई तस्वीर की तरह कंपनियों की एक लिस्ट खुल जाएगी। इस लिस्ट में से कंपनी का नाम खोजें और उसका इस्टेबलिशमेंट कोड देख लें।
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साभार: भास्कर समाचार
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