साभार: जागरण समाचार
दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने रावण की आड़ लेकर भारत लौटने से इन्कार करते हुए कहा कि उसे डर है कि भारत में उसे मार डाला जाएगा। नीरव मोदी के वकील ने
एक विशेष अदालत में पेश होकर उसके बचाव में यह दलील भी दी कि यहां लोग उसकी तुलना रावण से करने लगे हैं।
वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि अगर उसे लगता है कि उसकी सुरक्षा को यहां खतरा है तो उसने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट के जज एमएस आजमी की अदालत में शनिवार को नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने आरोपी के बचाव में यह दलीलें दीं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नीरव मोदी को भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओ) के तहत भगोड़ा घोषित किए जाने की अपील की सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकील ने इसका जमकर विरोध किया।
नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि नीरव के पास उसके वित्तीय हिसाब-किताब का कोई भी रिकार्ड या आंकड़े नहीं हैं। वहीं, नीरव मोदी को भारत में जान का खतरा होने की दलीलों को खारिज करते हुए ईडी ने दावा किया कि इस मामले में यह बात बेमतलब है। ईडी ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी को बार-बार ई-मेल के जरिए समन भेजे जाने के बावजूद उसने जांच में शामिल होने से इन्कार कर दिया है। साथ ही वह लगातार यह भी कह रहा है कि वह भारत नहीं लौटना चाहता है। इस पर नीरव मोदी के वकील अग्रवाल ने कहा कि हीरा व्यापारी ने जांच एजेंसियों के ई-मेल का लगातार जवाब दिया है। और उसने सुरक्षा संबंधी खतरे का हवाला देकर भारत लौटने से इन्कार कर दिया है।
सीबीआइ और ईडी को लिखे एक ई-मेल में नीरव मोदी ने कहा कि उसे भारत में कुछ निजी लोगों, पीएनबी घोटाले में बंदी लोगों के परिजनों, जमीन मालिकों और कर्जदाताओं जिन्हें रकम नहीं लौटाई गई है, से जान का खतरा है। इसीलिए वह भारत नहीं लौट सकता है। उसने ई-मेल में कहा है कि उसके 50 फीट ऊंचे पुतले को भारत में जलाया गया है। वहां मेरे खिलाफ भीड़ के हाथों मारने की कोशिश के सुबूत हैं और मेरी तुलना वहां रावण से होती है। नीरव मोदी ने कहा कि मुझे भारत में एक राक्षस बताते हुए बैंक घोटाले का 'पोस्टर ब्वाय' बना दिया गया है। अग्रवाल ने दावा किया कि मोदी को भगोड़ा घोषित नहीं किया जा सकता क्योंकि आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओ) की शर्तो को अब तक जांच एजेंसियां पूरी नहीं कर पाई हैं।
उन्होंने कहा कि ईडी नीरव मोदी को मुख्यत: भगोड़ा इसलिए घोषित करना चाहती है क्योंकि उन्होंने संदिग्ध हालात में एक जनवरी, 2018 को भारत छोड़ दिया था। लेकिन तब तक नीरव मोदी के खिलाफ भारत में कोई केस नहीं था। अग्रवाल के हलफनामे के जवाब में ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने कहा कि इस सब दलीलों का आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओ) से कोई लेना-देना नहीं है।