साभार: जागरण समाचार
कश्मीर का मसला युद्ध से हल नहीं हो सकता। यह केवल बातचीत से हल हो सकता है और उसके लिए दो-तीन विकल्प हैं। उन पर पाकिस्तान और भारत विचार कर सकते हैं। सोमवार को यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
इमरान खान ने पत्रकारों से बातचीत में कही। इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने उनसे कहा था कि 2004 के लोकसभा चुनाव में अगर भाजपा की हार न होती तो कश्मीर मसले का हल हो जाता।
भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की इच्छा जताते हुए उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर बनाने का फैसला कोई गुगली नहीं है। यह रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए लिया गया सीधा-सादा फैसला है। इमरान ने ऐसा कहकर इमरान ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस बयान का खंडन किया है, जिसमें कॉरिडोर खोले जाने को इमरान की गुगली की संज्ञा दी गई थी। इस बीच चीन ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ के पिघलने का स्वागत किया है। कहा है- करतारपुर साहिब कॉरिडोर दोनों देशों के संबंध मजबूत करने का बड़ा जरिया बन सकता है।
28 नवंबर को पाकिस्तान में हुए कॉरिडोर की आधारशिला रखने के समारोह में भारतीय केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, हरदीप सिंह पुरी और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भाग लिया था। आधारशिला प्रधानमंत्री इमरान खान ने रखी थी। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच चल रहे वाक्युद्ध के बीच सोमवार को इस्लामाबाद में कहा, पाकिस्तान सरकार भारत के साथ शांतिपूर्ण बेहतर रिश्ते बनाने के प्रति गंभीर है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर की स्थापना के पीछे कोई अन्य मंशा नहीं है। इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री के जवाब में उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज ने बयान को सिखों की भावनाओं को आहत करने वाला बताया था।
कॉरिडोर के लिए इमीग्रेशन सेंटर: करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाने के फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार ने भारत से आने वाले लोगों के लिए सीमा पर इमीग्रेशन सेंटर स्थापित कर दिया है। कॉरिडोर बनाने के कार्य का शुभारंभ करने के चंद रोज बाद ही पाकिस्तान द्वारा इमीग्रेशन सेंटर स्थापना सद्भावना का संकेत मानी जा रही है। यह कॉरिडोर पाकिस्तान स्थित सिख धर्म के प्रणेता गुरु नानकदेव का अंतिम पड़ाव बने गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक धाम से जोड़ेगा।
पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एफआइए) के डिप्टी डायरेक्टर मुफखार अदील के अनुसार आतंकी, मानव तस्कर और नशीले पदार्थो का धंधा करने वाले इस कॉरिडोर का इस्तेमाल न करने पाएं, इसलिए अभी से सावधानी बरते जाने की जरूरत है। इसी के चलते इमीग्रेशन सेंटर बनाया गया है। इससे पहले 26 नवंबर को भारत के पंजाब स्थित गुरदासपुर में उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कॉरिडोर के लिए नींव का पत्थर रखा था।