साभार: जागरण समाचार
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला ने अपनी नई पार्टी की तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) तय किया है और चुनाव आयोग से
इसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। इन सबके बीच चाचा अभय चौटाला ने दुष्यंत और दिग्विजय को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में वापसी का आॅफर दिया है। अभय ने कहा है कि यदि दोनों माफी मांग लें तो उनकी इनेलो में वापसी हो सकती है।
बता दें इनेलो से निकाले जाने के बाद 17 नवंबर को जींद में दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला के पिता डॉ. अजय चौटाला ने इनेलो बैनर तले अपनी राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देंगे। दुष्यंत और दिग्विजय की नई पार्टी का नामकरण हो गया है। इनेलो से निष्कासन के बाद पिछले दिनों इन्होंने नई पार्टी बनाने की घोषणा की थी।
जननायक जनता पार्टी होगा दुष्यंत चौटाला के नए दल का नाम: अजय सिंह चौटाला के दोनों पुत्रों ने नई पार्टी के लिए जननायक जनता पार्टी का नाम तय करने के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए दो अन्य नाम जननायक प्रोग्रेसिव पार्टी और जननायक जनता दल भी दिए थे। निर्वाचन आयोग ने जननायक जनता पार्टी को मंजूरी दे दी है। 9 दिसंबर को जींद के पांडु पिंडारा गांव में आयोजित होनेवाले 'समस्त हरियाणा' सम्मेलन में दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला अपनी नई पार्टी का विधिवत एेलान करेंगे। इस रैली में डॉ. अजय सिंह चौटाला के भी मौजूद रहने की संभावना है।
नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए नवंबर के आखिरी सप्ताह में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास आवेदन किया गया था। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तो हो चुका है। अगले एक-दो दिन में दुष्यंत चौटाला को उनकी नई पार्टी का रजिस्ट्रेशन पत्र मिल जाएगा। नई पार्टी का चुनाव चिन्ह क्या होगा, इस पर दुष्यंत की कोर टीम मंथन करने में जुटी है। प्रदेश के किसान-मजदूर व आम लोगों को रिझाने वाले पार्टी सिंबल पर मंथन चल रहा है।
बताया जाता है कि पार्टी रजिस्ट्रेशन में मुख्य नाम पूर्व सांसद डा. अजय सिंह चौटाला के किसी पारिवारिक सदस्य का है। रजिस्ट्रेशन के लिए कुल 25 फाउंडर सदस्यों के नाम दिए गए हैैं। इनमें दुष्यंत व दिग्विजय के नाम भी शामिल हैं। इन सभी सदस्यों के रिहायशी प्रमाण-पत्र के अलावा वोटर कार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) की कापी, पेन कार्ड सहित कई तरह के दस्तावेज रजिस्ट्रेशन फार्म के साथ जमा करवाए गए हैं। अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के अलावा बाकी पदाधिकारियों के नामों पर भी चर्चा होगी।
इस तरह से पड़ी दुष्यंत चौटाला की पार्टी की नींव:
- 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला पर अनुशासनहीनता बरतने के आरोप लगे।
- 10 अक्टूबर को ओमप्रकाश चौटाला के सामने हुई हूटिंग के लिए दुष्यंत-दिग्विजय को जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित किया गया।
- 18 अक्टूबर को दोनों भाइयों ने पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा।
- 2 नवंबर को दुष्यंत और दिग्विजय को इनेलो से निष्कासित करने का फैसला हुआ।
- 5 नवंबर को पूर्व सांसद डॉ. अजय सिंह चौटाला 14 दिन की फरलो पर तिहाड़ से बाहर आए।
- 12 नवंबर को अजय चौटाला को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निकाला गया।
- 17 नवंबर को अजय ने जींद में कार्यकताओं की बैठक कर नई पार्टी बनाने का एलान किया।
अभय चौटाला ने सोमवार को हेलीमंडी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी से निकाले जाने वाले चाहे अलग पार्टी बनाएं अथवा किसी अन्य दल में जाएं, वे मुंह के बल गिरेंगे। उन्होंने कहा, 'भाजपा बुझे हुए चिराग की तरह है, जिसका दीया वादों के तेल से जल रहा था। जनता समझ गई इस बार एक भी विधायक नहीं जीतेगा'