साभार: जागरण समाचार
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाने से बढ़ी महंगाई के विरोध में फ्रांस में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। रविवार को राजधानी पेरिस के कई पॉश इलाकों में युद्ध सरीखी बर्बादी का मंजर था। कारें जली पड़ी थीं, दुकानें लूटी जा चुकी
थीं, इमारतों को जलाकर खाक में तब्दील कर दिया गया था, हर जगह भारी तोड़फोड़ की गई थी। उपद्रवियों ने शहीद स्मारक आर्क-डि-ट्रिंफ भी नहीं बख्शा। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में 263 लोग घायल हुए हैं, इनमें सुरक्षा बलों के 23 जवान भी हैं। जाम के दौरान एक की मौत भी हुई है।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार शाम पेरिस में बर्बादी को देखा और स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मैक्रों ने आपात बैठक कर हालात को काबू करने के सख्त निर्देश दिए, आपातस्थिति लगाने पर भी विचार किया। पेरिस में बर्बादी के ऐसे हालात 50 साल पहले भी बने थे, जब सामाजिक बदलाव के लिए लोग सड़कों पर आए थे। इससे पहले बिगड़ते हालात के बीच मैक्रों रविवार सुबह ब्यूनस आयर्स के जी-20 शिखर सम्मेलन से पेरिस लौटे।
ब्यूनस आयर्स में मैक्रों ने कहा, हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुरक्षा बलों, कारोबारियों और आमजनों पर हमलों को सहन नहीं किया जाएगा। हिंसा फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। राष्ट्रपति ने बढ़ाए गए टैक्स वापस लेने से इन्कार कर दिया है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए उन्हें जरूरी बताया है।
शनिवार और रविवार को पेरिस में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद पुलिस ने 412 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन प्रदर्शनों में यलो वेस्ट पहने नकाबधारी लोगों ने कई महत्वपूर्ण इमारतों में आग लगाई थी। रविवार सुबह भी पेरिस के प्रमुख इलाके नारबोर्न और कई अन्य जगह आगजनी की घटनाएं हुईं। गृह मंत्रालय के अनुसार पेरिस में आगजनी की कुल 190 घटनाएं हुई हैं। छह इमारतों को जलाकर खाक कर दिया गया है।
इसके अलावा पूर्वी फ्रांस का मुख्य मार्ग भी जाम कर दिया गया। एरलेस शहर में एक सवार के मरने की खबर है। यहां दस किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम लगा था। दो हफ्ते से जारी हिंसा का सिलसिला सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाए जाने के बाद शुरू हुआ। हिंसक विरोध प्रदर्शन यलो वेस्ट नाम के संगठन के बैनर तले हो रहा है। प्रदर्शनों की सफलता को वह अपनी जीत के तौर पर प्रदर्शित कर रहा है।