Monday, December 3, 2018

ट्रेड वॉर पर US-चीन के बीच बनी बात, नया टैरिफ नहीं लगाने पर बनी सहमति

साभार: जागरण समाचार 
पिछले काफी समय से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध को लेकर खींचतान मची हुई है। हालांकि, अब दोनों देशों के बीच छिड़े इस व्यापार युद्ध को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं। शनिवार को जी-20 सम्मलेन से
इतर अर्जेंटीना में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात हुई। ट्रंप और शी के बीच यह डिनर बैठक करीब ढाई घंटे तक चली, जिसे दोनों देशों के लिए काफी सकारात्मक माना जा रहा है। 2018 में दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी।
व्हाइट हाउस ने कहा  
ट्रंप और शी की मुलाकात पर व्हाइट हाउस ने भी कहा कि दोनों नेताओं के बीच ब्यूनस आयर्स में हुई बैठक सफल रही है। अमेरिका और चीन के बीच एक जनवरी, 2019 से एक-दूसरे पर नए आयात शुल्क नहीं लगाने पर सहमति बनी है। साथ ही दोनों नेताओं ने मौजूदा व्यापार युद्ध को खत्म करने के लिए लगातार संवाद करने की भी प्रतिबद्धता जताई। इस बैठक के बाद ट्रंप और शी चिनफिंग ने साथ में डिनर भी किया। ऐसा माना जा रहा है कि यह बैठक व्यापार युद्ध की कड़वाहट को खत्म करने के लिए कारगर साबित हुई है।
सफल रही ट्रंप-शी की बैठक
  • ट्रंप ने चीन पर 90 दिनों के लिए 200 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाने की योजना को रोक लगाई।
  • अमेरिका एक जनवरी, 2019 से चीन के 200 अरब डॉलर मूल्य के सामान पर 10 से 25 फीसदी तक आयात शुल्क लगाने जा रहा था।
दोस्ती की पहल 
इस दौरान अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर को खत्म करने पर जोर देते हुए कहा, 'हम व्यापार पर चर्चा करेंगे और मुझे लगता है कि हम ऐसा समाधान निकालेंगे जो चीन और अमेरिका दोनों के लिए सही होगा।' उधर, शी ने ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती का उल्लेख करते हुए उनके साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को फायदा हो।
बढ़े टैरिफ से दोनों देशों को हो रहा था नुकसान 
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत से ही अमेरिका और चीन से बीच व्यापार युद्ध छिड़ा हुआ है। इस साल सितंबर में अमेरिका ने चीन के 250 अरब डॉलर के सामान पर आयात शुल्क लगाने का फैसला किया, तो चीन ने भी जवाब में अमेरिका के 60 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगा दिया। जिसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध खुलकर सामने आ गया। हालांकि अब राष्ट्रपति ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष के बीच एक जनवरी के बाद कोई नया टैरिफ नहीं लगाने पर सहमति बनी है। कहा जा रहा था कि बढ़े टैरिफ की वजह से दोनों देशों को नुकसान झेलना पड़ रहा था।