Tuesday, December 20, 2016

HSSC पेपर लीक मामला: प्रेस से ट्रेजरी तक कड़ी निगरानी, जानिए ट्रेजरी से सेंटर तक कौन सी हैं कमजोर कड़ियां

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के प्रश्नपत्र प्रेस से ट्रेजरी तक बेहद कड़ी निगरानी में जाते हैं। प्रश्नपत्र की सुरक्षा को लेकर जिले के डीसी की जिम्मेदारी होती है। ट्रेजरी में प्रश्नपत्र जमा कराने की पूरी जिम्मेदारी डीसी की है। वे इस काम के लिए एसडीएम स्तर के अधिकारी को लगाते हैं। यही प्रक्रिया प्रश्न पत्र को
सेंटर तक पहुंचाने के लिए होती है, लेकिन सेंटर तक पहुंचते ही सुरक्षा की कड़ी कमजोर होना शुरू हो जाती है। जहां एक नहीं कई स्तर पर गड़बड़ी होने की संभावना रहती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भास्करने कमीशन के प्रश्नपत्रों को लेकर जब सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तो पाया कि कहां पेपर छप रहे हैं, इसकी जानकारी सिर्फ आयोग के जिम्मेदार लोगों को होती है। वहां से कौन लेकर आएगा, यह भी ऐन मौके पर तय होता है। यह व्यवस्था इतनी पुख्ता है कि इसमें सेंध लगने की संभावना बहुत कम है। इसके बाद सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी जिले के डीसी की होती है। 
  • इतनी फुलप्रूफ व्यववस्था के बाद भी प्रश्नपत्र लीक कैसे हो गया: लीक नहीं हुआ, यह अंदर से बाहर बाहर भेजा गया है। इसे लीक नहीं कह सकते। हालांकि इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा, क्योंकि जांच चल रही है। एक बार जांच टीम की रिपोर्ट जाए। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि कहां क्या गड़बड़ी रही। 
  • परीक्षा दोबारा भी ली जा सकती है क्या? यदि ऐसा है तो कब तक, क्योंकि साढ़े सात लाख उम्मीदवारों के भविष्य का सवाल है: अभी इस बारे में हम जल्दबाजी में कतई नहीं है। दो स्तर पर जांच चल रही है। आयोग की टीम भी जांच कर रही है। दोनों रिपोर्ट जाएं, इनका मिलान किया जाएगा। दोनों टीम के सदस्य बैठेंगे और इसके बाद ही तय होगा कि अब परीक्षा का क्या करना है। यह पता चल जाए कि कितने सेंटर तक आंसर-की पहुंची, पहुंची भी या नहीं। इसमें समय तो लगेगा ही। 
  • आगेऐसी घटना हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं: प्रश्नपत्र को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की यह व्यवस्था लंबे समय से चली रही है। देख रहे हैं इसमें कहां और क्या खामी रही। उसे दूर किया जाएगा। 
लापरवाही-लालच तोड़ देता है सुरक्षा चक्र: यह जानकारी पहले होती है कि किस टीचर की ड्यूटी परीक्षा में लगाई गई है। उसे ट्रैप करना आसान हो जाता है। यहीं पर स्कूल का स्टाफ भी होता है, जो प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को लेकर इतना संजीदा नहीं रह पाता। उन्हें भी प्रश्न पत्र लीक करने वाला गिरोह फांस सकता है। यदि इनके माध्यम से पेपर लीक होता है तो वह परीक्षा शुरू होने से कुछ देर पहले ही आउट हो जाता है। वहां से उसे वाट्सअप या मेल से हल कर बाकी जगह पहुंचाने का काम होता है। तीसरा, परीक्षा केंद्र के अंदर से भी कोई उम्मीदवार पेपर को लीक करा सकता है। पेपर शुरू होने के कुछ देर बाद ही सवाल बाहर भेज दिए जाते हैं। यह भी तभी संभव है जब परीक्षा केंद्र का स्टाफ सुरक्षा में चूक करे या फिर उनकी ऐसे उम्मीदवार से मिलीभगत हो जो प्रश्नपत्र बाहर भेज रहा है। आयोग के चेयरमैन ने कहा कि अभी कुछ नहीं कह सकते, जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा, कहां गड़बड़ी है। 
कमजोर पक्ष: ट्रेजरी से प्रश्नपत्र को कम से कम एसडीएम स्तर का अधिकारी परीक्षा स्थल तक पहुंचाता है। यहां से सुरक्षा का दूसरा चक्र शुरू होता है। अब प्रश्नपत्र स्कूल स्टाफ और परीक्षा ले रहे स्टाफ के हाथों में होता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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