एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
डीआईजी एंटीकरप्शन ब्यूरो आत्माराम दत्तारे नानीवाडेकर ईमानदारी के लिए ख्यात थे। नौकरी के 35 सालों से बड़ी संख्या उनके ट्रांसफर की है- 36। हर बार तबादले का आदेश वायरलेस पर ही आया। सिर्फ एक बार ही लिखित आदेश मिला। बच्चों की पढ़ाई के कारण उन्होंने परिवार को हमेशा नागपुर में बनाए रखा। बेटे हेमंत भी
उनके नक्शे कदम पर चले और 1978 में एमपीएससी की परीक्षा दी। सौभाग्य से उनका नाम नागपुर डिविजन की लिस्ट में शीर्ष पर आया। दुर्भाग्य से हेमंत दुर्घटना का शिकार हो गए और उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया। इस वजह से वे 100 मीटर दौड़ का फिजिकल टेस्ट पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने पिता से इंटरव्यू लेने वाले डीसीपी क्राइम अरविंद इनामदार के नाम एक सिफारिशी पत्र लिखने को कहा, लेकिन ईमानदार पिता ने इनकार कर दिया। इनामदार भी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। हेमंत पुलिस में भर्ती होने से वंचित रह गए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके बाद साधारण ग्रेजुएट हेमंत ने नागपुर सिविल लाइंस में वेस्टर्न कोल फील्ड ऑफिस के सामने सड़क किनारे चाय की दुकान शुरू कर दी। कोई भी उनकी दुकान पर नहीं आता था, क्योंकि अधिकतर लोग उन्हें अंडर कवर अधिकारी समझते थे। अलमेड़ा के पुलिस कमिश्नर ने राउंड के दौरान पूछताछ के लिए गाड़ी रोकी। हेमंत ने गर्व से बताया कि चाय की दुकान खोली है। सीपी ने धीरे से कहा कि शाम को बंगले पर जाए। जब वे पहुंचे तो डीआईजी के परिवार को नज़दीक से पहचानने वाले सीपी ने एक वाक्य में कहा- तुम अपनी चाय की दुकान बंद करोगे या मैं कर दूं। हेमंत के पास कोई और चारा नहीं था। कुछ महीनों बाद एक मित्र शरद चंदुरकर ने प्रसिद्ध लेडी अमृताबाई डागा कॉलेज में कैंटीन चलाने का मौका दिया, जहां चंदुरकर की पत्नी काम करती थीं। नागपुर की प्रतिभाशाली लड़कियां यहां पड़ती हैं।
हेमंत सभी पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं को जानते थे, क्योंकि वे पिता से मिलने घर आया करते थे, लेकिन कि किसी से फायदा लेने की सख्त हिदायत थी। कॉलेज का कैंटीन धीरे-धीरे चलने लगा। फिर उन्हें स्थानीय एमएलए का कैंटीन कॉन्ट्रेक्ट भी विंटर सेशन के लिए मिल गया। बाद में वह भी हाथ से चला गया, क्योंकि उन्होंने एक मंत्री की रिक्वेस्ट मानने से इनकार करते हुए ईमानदारी के रास्ते पर चलना ठीक समझा। हालांकि, इस समय तक उनकी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी मजबूत हो गई थी और उन्होंने नागपुर के धनतोली में अपना पहला काम नानीवाडेकर मंगल कार्यालय में शुरू किया। उनका केटरिंग बिज़नेस तेजी से बढ़ा और कई शहरों में उन्होंने काम शुरू किया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लेकर, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई तक। मुंबई में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के शताब्दी कार्यक्रम में 40 हजार लोगों को भोजन करवाया। एक तरफ उन्होंने मैरिज हॉल के लिए जमीन लीज पर लेनी शुरू की। दूसरी तरफ रेस्तरां बिज़नेस भी शुरू किया। 'हिबिस्कस' 200 सीटर है और एलिट वर्ग के लिए है। एक 'मद्रास किचन' है। यह मध्यम वर्ग के लिए क्विक रेस्तरां हैं। 'द कॉपर' नागपुर के युवाओं के लिए पब है। इस 23 दिसंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की रिश्तेदार युवती की शादी हो रही है, उनके हाल ही में खुले फाइव स्टार बैंक्वेट हॉल 'अर्जुन' में। इसमें सारे फ्लोर मिलाकर 20 हजार स्क्वेयर फीट की जगह है। इसे उन्होंने पोते का नाम दिया है। नितिन गडकरी की बेटी की शादी में हेमंत आउटडोर कैटरिंग कॉन्ट्रेक्टर थे। पुलिस अधिकारी बनने में नाकाम रहे हेमंत हर साल 2000 इवेंट करते हैं। इसमें उनके बेटे आदित्य का साथ होते हैं, जिन्होंने औरंगाबाद के ताज स्कूल से कैटरिंग की डिग्री ली है।
फंडा यह है कि ईश्वरआपको किसी स्थान पर नाकामयाबी दिलाता है, तो इसका मतलब यह है कि वह चाहता है कि आप कहीं और सफल हों।
फंडा यह है कि ईश्वरआपको किसी स्थान पर नाकामयाबी दिलाता है, तो इसका मतलब यह है कि वह चाहता है कि आप कहीं और सफल हों।
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साभार: भास्कर समाचार
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