एसआईटी ने मुरथल के पास महिलाओं से कथित सामूहिक दुष्कर्म के आरोपों को खत्म कर दिया है। इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। कहा, 'यह एसआईटी का दोहरा चरित्र है। कैंसिलेशन रिपोर्ट से ज्यादा परेशान करने वाला कुछ और नहीं हो सकता।' निर्देश दिया गया कि हाईकोर्ट के नोटिस में लाए
बिना ट्रायल कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट या चालान पेश की जाए। जस्टिस एसएस सारों और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ अब 19 दिसंबर को सुनवाई करेगी। बेंच ने शनिवार को कहा कि पहले एसआईटी ने सामूहिक दुष्कर्म की जांच की बात कही और अब कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर कर दी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अदालत ने एसआईटी की डीएसपी से पूछा, 'क्या आपने 164 सीआरपीसी में बयान दर्ज किए कि दुष्कर्म मामला नहीं बनता है? कितने बयान दर्ज किए गए? एसआईटी क्या अब गैंगरेप की जगह रेप मामले में चालान पेश करेगी?' इस पर डीएसपी ने कहा कि कैंसिलेशन रिपोर्ट कोर्ट में फाइल नहीं की गई है। वहीं, एडीशनल सोलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जांच बंद नहीं की गई है। पांच आरोपियों के डीएनए सैंपल हाईवे के पास खेतों से मिले अंडरगारमेंट्स के नमूने से मेल नहीं खा रहे हैं। ऐसे में आरोपियों के खिलाफ चालान पेश नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने सोनीपत की एडीशनल सेशन जज गगन गीत कौर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जज ने एसआईटी की रिपोर्ट को आई वॉश बताया था। हाईकोर्ट ने कहा कि इससे साफ है कि एसआईटी यहां कुछ और कहती है तो ट्रायल कोर्ट में कुछ और। सोनीपत की एडीशनल सेशन जज गगन गीत कौर ने जांच पर सवाल उठाते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा कि एसआईटी सदस्यों में आपसी तालमेल का अभाव है। डीएसपी भारती डबास ने कोर्ट में कहा कि डीएनए रिपोर्ट के साथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई है, लेकिन सप्लीमेंटरी चालान में फुटेज का जिक्र नहीं किया गया। महिला अपराध के मामलों की सुनवाई करने वाले जज ने कहा कि हाईकोर्ट में यह नहीं बताया गया कि ट्रायल कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है। जांच में शामिल कुछ पुलिस अफसरों को सप्लीमेंटरी चालान में दिए दस्तावेजों की जानकारी तक नहीं है। एक इंस्पेक्टर ने कहा कि दुष्कर्म के आरोप हटा दिए गए हैं।
एमिक्स क्यूरी (अदालत के सहयोगी) वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने कहा, 'कोर्ट को अंधेरे में रखा जा रहा है। पुलिस के समक्ष गवाह राजुकमार ने कहा था कि 22 फरवरी को वे दिल्ली-कुरुक्षेत्र स्ट्रेच पर अपनी कार से गुजर रहे थे। रात करीब ढाई बजे उन्होंने 10-15 लड़कों को वाहनों से तोड़फोड़ करते देखा। तीन लड़के एक लड़की को उसकी कार में से बालों से पकड़कर घसीटकर झाड़ियों में ले गए। पुलिस चाहे तो वे उस जगह को दिखा सकते हैं। एसआईटी ने इस अहम गवाही पर कोई गौर नहीं किया।' एमिक्स क्यूरी ने एक वेब पोर्टल पर मुरथल में कथित गैंगरेप मामले में काल्पनिक कहानी गढ़ने पर संबंधित पत्रकार पर कार्रवाई की मांग की। मजिस्ट्रेट के सामने इस बात को स्वीकार किया गया कि विदेशी महिला से दुष्कर्म की कहानी भी कल्पना थी। वहीं, मेहता ने कहा कि महिला की आवाज संबंधित पत्रकार की सिस्टर इन लॉ की है।
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साभार: भास्कर समाचार
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