स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के उस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई है, जिसमें आपातकाल के पीड़ित लोगों व उनके परिवारों को सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर चिकित्सा सुविधाएं एवं चिकित्सा बिलों की अदायगी का प्रावधान है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और शीघ्र ही वित्त विभाग की मंजूरी मिल
जाएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। विज ने बताया कि प्रदेशभर में आपातकाल पीड़ितों व उनके परिवारों की पहचान की जाएगी। जिला उपायुक्त द्वारा ऐसे लोगों के पहचानपत्र बनाए जाएंगे। चिकित्सा सुविधाओं एवं बिलों की अदायगी का लाभ केवल पहचानपत्र प्राप्त लोगों को ही मिलेगा। सभी जिलों में उपायुक्त एजेंसी को नामित करेंगे जो आपातकाल के पीड़ितों के चिकित्सा बिलों को प्राप्त करेगी और पात्रों के बिलों की अदायगी करने का काम करेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपातकाल पीड़ितों को सरकारी कर्मचारी की भांति ही चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। ऐसे इनडोर मरीजों को सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने पर पूरी राशि के बिलों की अदायगी होगी, जबकि सरकार के पैनल पर काम करने वाले अस्पतालों तथा प्राइवेट वार्ड के बिलों की अदायगी सरकार के नियमानुसार की जाएगी। इसके अलावा सरकारी पैनल रहित अस्पतालों में उपचार के बिलों की अदायगी स्थानीय सिविल सर्जन से इमरजेंसी प्रमाणपत्र द्वारा ही होगी। विज ने बताया कि आउटडोर मरीजों के बिलों की अदायगी भी सरकारी नियमानुसार की जाएगी। किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को स्थानीय सिविल सर्जन से क्रोनिक (पुरानी) बीमारी का प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। इससे अलावा समय-समय पर सरकार द्वारा चिकित्सा बिलों की अदायगी की योजना का बदलाव भी उन पर लागू होगा।
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साभार: जागरण समाचार
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