Sunday, October 30, 2016

हाथ से लिखनेे से चलता है ज्यादा तेज दिमाग, बढ़ती है याददाश्त

लिखना और लिखकर अभ्यास करना इंसान को बदल देता है। एक ही बात को बार-बार लिखना एक तरह की ग्राफोथैरेपी है। जैसे अगर कोई व्यक्ति दिन में रोज 20 बार लिखे कि मैं स्थिर चित्त और शांत हो रहा हूं, तो
धीरे-धीरे उस पर इसका असर होने लगता है। उसकी सोचने-समझने-व्यवहार करने का तरीका बदलता है। एक फायदा कर्सिव राइटिंग से होता है कि इससे दिमाग के हेमिस्फियर के बीच आपस में बेहतर कॉर्डिनेशन बनता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जब हम कुछ हाथ से लिखते हैं तो यह दिमाग के रिटिक्यलर एक्टिवेटिंग सिस्टम को मजबूत करता है। इससे फोकस बढ़ता है और नई चीजें सीखना आसान हो जाता है। कंप्यूटर के इस्तेमाल की तुलना में हाथ से लिखने का एक फायदा यह होता है कि इससे ध्यान भटकता नहीं है। क्योंकि पेन-पेपर से लिखते समय बीच में फेसबुक और दूसरे नोटिफिकेशंस का डिस्ट्रैक्शन नहीं आता है। इससेे याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है। कई रिसर्च में भी यह बात सामने आई है कि जब आप हाथ से लिखते हैं तो दिमाग का बड़ा पोर्शन सक्रियता से काम करता है, जो याददाश्त मजबूत करता है। कंप्यूटर निर्भरता बढ़ाता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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