कांग्रेस और नवजोत सिंह सिद्धू के आवाज-ए-पंजाब फ्रंट में डील लगभग फाइनल हो चुकी है। शुक्रवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी नई दिल्ली में राहुल गांधी से मिले। उसके बाद दोनों सिद्धू के प्रति स्वागती सुर में बोलने लगे। आशा कुमारी ने कहा कि वैसे इस मीटिंग में तो सिद्धू के बारे में कोई चर्चा
नहीं हुई, लेकिन सिद्धू जब भी आना चाहें 'जी आयां नूं'। इस पूरे एपिसोड को लेकर पहली बार कांग्रेस की राष्ट्रीय इकाई का बयान आया। प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा कि सिद्धू कांग्रेस में आते हैं तो उनका मोस्ट वेल्कम। उनका फैसला सराहनीय होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
बहरहाल, 23 अक्टूबर को नई दिल्ली में पंजाब कांग्रेस की मीटिंग है। इसमें कांग्रेस और आवाज-ए-पंजाब में अलायंस की रूपरेखा तय होगी। हालांकि कांग्रेस कह रही है ये मीटिंग राहुल के पंजाब दौरे को लेकर है। लेकिन, सूत्र कह रहे हैं कि अब सिर्फ सीटों को लेकर बात बची है। कांग्रेस 6 से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती, जबकि सिद्धू गुट 10 से ज्यादा सीटें मांग रहा है। सूत्र ये भी कह रहे हैं कि कांग्रेस सिद्धूृ को 8 से कम सीटों पर ही मना लेगी। दोनों पक्षों में अगली बातचीत इसी को लेकर होगी।
कांग्रेस ने पंजाब में एक सर्वे कराया है जिसमें उसे स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखा। इसलिए कांग्रेस हाईकमान आवाज-ए-पंजाब से अलायंस को लगभग मान गया है। इससे पहले कांग्रेस मर्जर पर अड़ी थी। इसीलिए बात रुकी रही। सिमरजीत सिंह बैंस और परगट सिंह ने कहा कि कांग्रेस के साथ बातचीत फाइनल हो चुकी है। अब सिर्फ सीटों का मसला है।
कांग्रेस ने पंजाब में एक सर्वे कराया है जिसमें उसे स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखा। इसलिए कांग्रेस हाईकमान आवाज-ए-पंजाब से अलायंस को लगभग मान गया है। इससे पहले कांग्रेस मर्जर पर अड़ी थी। इसीलिए बात रुकी रही। सिमरजीत सिंह बैंस और परगट सिंह ने कहा कि कांग्रेस के साथ बातचीत फाइनल हो चुकी है। अब सिर्फ सीटों का मसला है।
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साभार: भास्कर समाचार
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