जीहां! यह कीमत लगाई गई है एक सवा महीने की बच्ची की, जिसने अब तक अपनी मां का चेहरा भी ठीक से नहीं पहचाना। एक पिता, जिसकी अंगुलियों का स्पर्श ही मासूम महसूस कर पाती है, उस पिता ने अपनी इस बेटी को बेचने के लिए बाजार में बोली लगा दी। यह झकझोर देने वाली कहानी है एक शरणार्थी दंपति की। पिछले कुछ दिनों में शरणार्थियों की दर्दभरी जिंदगी के कई पहलू सामने आए हैं। उन्हीं किस्सों की अगली कहानी है मारिया की। मामला वेस्टर्न जर्मनी के नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया के
ड्यूसबर्ग का है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यहां एक पिता ने अपनी नवजात की खूबसूरत तस्वीर के साथ एक ई-कॉमर्स पोर्टल ईबे पर एक विज्ञापन पोस्ट किया। उस विज्ञापन में तस्वीर के नीचे लिखा था- 40 दिनों की एक बच्ची मारिया बिकने के लिए तैयार है। ग्राहकों को रिझाने के लिए बच्ची के अलग-अलग स्लीपिंग सूट के साथ कई तस्वीरें वैराइटी के रूप में उपलब्ध कराई गईं।
इससे पहले कि मामला तूल पकड़ता, महज 30 मिनट के बाद इस विज्ञापन को पोर्टल से हटा दिया गया, लेकिन सोशल मीडिया के इस युग में हर चीज तेजी से वायरल होती है तो यह भी हो गई। जर्मनी की तेज-तर्रार पुलिस ने बच्ची के शरणार्थी माता-पिता को भी दबोच लिया, लेकिन यह जानने में नाकाम रही कि ऐसी हिमाकत की असल वजह क्या थी। हालांकि उन पर मानव तस्करी से संबंधित केस दर्ज किया जाएगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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