गेस्ट अध्यापकाें के समर्थन में आई खाप पंचायतों
और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद प्रदेश सरकार ने एक और
सख्त निर्णय लिया है। हरियाणा में गेस्ट अध्यापकों और सरकार के बीच चल रही
बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद सरकार सख्ती के मूड में आ गई है। राज्य में
4073 गेस्ट टीचरों के आंदोलन का समर्थन कर रहे बाकी गेस्ट टीचरों पर सरकार
अब सख्ती करेगी। उन टीचरों की लिस्ट बनाई जा रही है जो
नौकरी में रहते हुए
भी पढ़ाने नहीं जा रहे हैं। सरकार ने ऐसे टीचरों की लिस्ट हाईकोर्ट में पेश
करने के साथ ही उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला लिया है। शिक्षा
मंत्री रामबिलास शर्मा ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि गेस्ट
टीचरों के साथ सरकार जितनी सहानुभूति दिखा रही है, वे उतनी ही मर्यादाएं
लांघ रहे हैं। रविवार को पार्टी की मीटिंग के दौरान भी दिल्ली में जाकर इन
गेस्ट टीचरों ने न केवल धरना दिया बल्कि नारेबाजी कर व्यवधान डालने की
कोशिश की। गेस्ट टीचरों का यह रवैया समझ सेबाहर है। क्योंकि वे एक तरफ तो
सरकार से बातचीत करने की अपील करते हैं और दूसरी तरफ आंदोलन में संवैधानिक
और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का भी ध्यान नहीं रखते। उन्होंने दो टूक शब्दों
में कहा कि सरकार संविधान के दायरे में रहकर ही गेस्ट टीचरों की मदद कर
सकती थी। किसी भी हाल में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं की जा
सकती।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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