शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए तमाम योजनाओं पर
काम कर रही मोदी सरकार को अपने सर्वे से लड़कियों की साक्षरता की असलियत का
पता चला है। सरकार द्वारा कराए गए एक सर्वे के मुताबिक देश में सात साल से
अधिक उम्र की लड़कियों की साक्षरता दर महज 65.8 फीसदी ही है। जबकि इसी आयु
वर्ग के लड़कों की साक्षरता दर 81 फीसदी है। सर्वे ने बाल विवाह पर पाबंदी
लगाने के प्रयासों की कलई खोलते हुए यह भी उजागर
किया कि अब भी 10 से 19
साल के बीच की आयु में करीब छह से सात फीसदी बच्चियों की शादी हो जा रही
है। युवाओं का साक्षरता दर (15-24 वर्ष) 88.7 फीसदी है। ग्रामीण इलाकों
में साक्षरता दर 87 फीसदी और शहरी इलाकों में 92.5 फीसदी है। महिला
एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक किए गए इस रैपिड सर्वे में
दिल्ली और अन्य 28 राज्यों को शामिल किया गया है। नवंबर 2013 से मई 2014 के
बीच किए गए इस सर्वे में 105483 परिवारों को शामिल किया गया है। इसमें 0-4
साल के उम्र के 90 हजार बच्चे और 10-18 साल के बीच के 28 हजार किशोरों को
शामिल किया गया है। वहीं 2,10,000 साक्षात्कार के आधार पर इसे तैयार किया
गया है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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