मनोहर सरकार लोक प्रशासन विषय में एमए पास उम्मीदवारों को पीजीटी भर्ती में
जोर का झटका धीरे से देने जा रही है। नई व्यवस्था के अनुसार लोक प्रशासन
में एमए पास छात्र राजनीति शास्त्र विषय में लेक्चरर नहीं बन सकेंगे
क्योंकि उन्हें इस पद के लिए आवेदन करने की छूट खत्म कर दी गई है। हरियाणा
कर्मचारी चयन आयोग ने हाल ही में राजनीति शास्त्र के 434 पदों के लिए
निकाली गई भर्ती में यह विकल्प हटा दिया है। अब
तक हुई भर्तियों में लोक
प्रशासन या राजनीति शास्त्र में से एक विषय में एमए व हरियाणा पात्रता
परीक्षा पास उम्मीदवार दोनों विषयों के खाली पद के लिए आवेदन कर सकता था।
सरकार के नए निर्णय से डेढ़ हजार से अधिक उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी
है। चूंकि ये उम्मीदवार लोक प्रशासन में एमए व हरियाणा पात्रता परीक्षा पास
हैं। 2012 में हुड्डा सरकार व इससे पहले हुई पीजीटी भर्ती में इन्हें
राजनीति शास्त्र के पद के लिए आवेदन करने का विकल्प मिलता था। इस बार भी
राजनीति शास्त्र के 434 पदों के लिए ये उम्मीदवार आवेदन करने की तैयारी में
थे, लेकिन हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का विज्ञापन देखने के बाद पैरों तले
जमीन खिसक गई। विज्ञापन में राजनीति शास्त्र के पद के लिए लोक प्रशासन में
एमए पास छात्रों को आवेदन करने की छूट नहीं दी गई है। पूर्व हुड्डा सरकार
के समय भी ऐसा किया गया था, लेकिन लोक प्रशासन विषय के पात्र उम्मीदवारों
के विरोध के चलते सरकार को पुराना ही विकल्प देना पड़ा। भाजपा सरकार के इस
कदम से मायूस पात्र उम्मीदवार नई व्यवस्था के विरोध में आवाज बुलंद करने की
तैयारी में हैं। ऐसा न करने पर उन्हें पीजीटी भर्ती में शामिल होने से हाथ
धोने पड़ेंगे। लोक प्रशासन में एमए व पात्रता परीक्षा पास धर्मबीर कौशिक,
चंद्रकांता, सतपाल सिवाच, राजेश धनखड़, ओमवीर व अमित कुमार का कहना है कि
सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है। अभी तक एक भी बार पीजीटी भर्ती में ऐसा
नहीं हुआ कि लोक प्रशासन या राजनीति शास्त्र में एमए पास उम्मीदवार एक ही
विषय के पद के लिए आवेदन कर पाया हो। जल्द ही बैठक कर इस विषय को
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के समक्ष मजबूती से
उठाया जाएगा।
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साभार: जागरण
समाचार
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