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बीते कुछ वर्षो में भारतीय वाहन क्षेत्र ने काफी प्रगति की है, जिससे
उपभोक्ताओं के सामने अब विकल्पों की कमी नहीं रह गई है। इससे लोग अब पहले
की तुलना में कम समय के बाद ही अपनी गाड़ी बदलना चाहते हैं। इसके चलते पुरानी कारों की श्रेणी में पहले से बेहतर कारें उपलब्ध
हैं। जो उपभोक्ता हर बार एक नई गाड़ी खरीदने के भावनात्मक मूल्य को छोड़ने
के लिए तैयार हैं, वे ऐसी पुरानी गाड़ी को चुनते हैं, जो शानदार हालत में
हो और साथ ही उनके लिए पैसा-वसूल भी हो। आइए जानते हैं यूज़्ड कार लोन के बारे में कुछ बातें:
कितना मिल सकता है ऋण: सामान्यत: ऋण की राशि कार के मूल्य के 80 प्रतिशत तक होती है।
हालांकि, कई मॉडलों/डीलरों के लिए मूल्यांकन (बैंक से नियुक्त एजेंसी
द्वारा) के 100 प्रतिशत तक का ऋण भी दिया जाता है।
ऋण अवधि: बैंक द्वारा जितने समय के लिए कार ऋण दिया जाता है, उसे ऋण अवधि कहते
हैं। पुरानी कारों के लिए एचडीएफसी बैंक की ऋण अवधि एक साल से पांच साल तक
है।
पैसा वसूल साबित हो सकती हैं ये कारें: यूज्ड कार के इस बाजार में सिर्फ 2-3 साल पुरानी गाड़ियां भी मौजूद
हैं, जो बहुत कम चली हैं और तकनीकी रूप से बिल्कुल सही हालत में हैं। किसी
वाहन के मूल्य में सबसे ज्यादा कमी शुरुआती दो वर्षों में आती है, इसलिए
ऐसी कारें लोगों के लिए पैसा-वसूल साबित हो सकती हैं, अगर सही उत्पाद और ऋण
का विकल्प चुना जाए।
ये शर्तें करनी होती हैं पूरी: बैंक पुरानी कारों की खरीद के लिए ऋण तभी देता है, जब उससे संबंधित
सभी शर्तें पूरी होती हैं। पुरानी कार के लिए ऋण देने से पहले ये शर्तें
पूरी करनी जरूरी होती हैं:
- वाहन का स्वामित्व स्पष्ट होना चाहिए।
- गाड़ी की उम्र और दशा बैंक की नीतियों के अनुरूप होनी चाहिए।
- अगर गाड़ी पहले ही ऋण लेकर खरीदी गई हो तो पिछले ऋणदाता से एनओसी की जरूरत होती है।
- ग्राहक को केवाईसी और आय के नियमों पर भी खरा उतरना होता है।
पुरानी कारों के विक्रेता का चयन: पुरानी कार खरीदने का सबसे अच्छा तरीका अब ऑनलाइन खोजना है। इसके लिए
किसी कार पोर्टल पर जाना सबसे अच्छा है, जैसे कि एचडीएफसी बैंक प्री-ओन्ड
कार बाजार, जहां बड़ी संख्या में पुरानी कारों को देखा जा सकता है।
एचडीएफसी बैंक के पोर्टल पर अधिकृत स्टार डीलर और सर्टिफाइड कार स्टॉक
होल्डर मौजूद हैं। आप चाहें तो संगठित क्षेत्र में महिंद्रा फर्स्ट च्वाइस, कारनेशन या
किसी अन्य ओईएम के पास जा सकते हैं। संगठित क्षेत्र का फायदा यह है कि
ग्राहक को चुनने के लिए व्यापक विकल्प मिलते हैं, लेन-देन में पारदर्शिता
रहती है, उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर रहती है और कुछ उत्पादों पर वारंटी भी
मिलती है।
पसंद की हुई कारों की सूची बनाएं: बजट और जरूरत के अनुसार आप ऑनलाइन तलाश करके अपने लायक विकल्पों की
सूची बना लें। यह जरूरी है कि आप कार के बारे में सूचनाओं को पढ़ कर तुलना
करें, तस्वीरें देखें, उस कार और विक्रेता के बारे में लोगों की समीक्षाएं
देखें। साथ ही, उस कार का बाजार मूल्य जानने के लिए ऑनलाइन कार वैल्यूएशन
टूल की मदद लें। इस तरह सारी जानकारियां जुटाना जरूरी है।
दस्तावेजों की जांच: स्वामित्व, कार की उम्र, पंजीकरण का वर्ष, हाइपोथिकेशन, पंजीकरण पर कर
भुगतान और कर प्रमाणपत्र जैसी जरूरी जानकारियां ले लें। कार ऋण लेने से
पहले किसी ग्राहक को ऋणदाता से जो महत्वपूर्ण सवाल पूछने चाहिए, वे इस तरह
हैं:
- पुरानी कार पर ऋण देने के लिए बैंक की शर्तें क्या हैं?
- किन योजनाओं के तहत ग्राहकों को पुरानी कारों पर ऋण दिया जा रहा है?
- ब्याज दर फिक्स्ड है या फ्लोटिंग?
- कार ऋण पर प्रोसेसिंग शुल्क क्या होता है?
- कितना ऋण दिया जाएगा?
- क्या पार्ट पेमेंट और प्री-पेमेंट पर किसी शुल्क का प्रावधान है?
- चेक बाउंस होने पर कितना शुल्क/दंड लगेगा?
- क्या डुप्लिकेट एनओसी के लिए ऋणदाता शुल्क लेता है?
- क्या बैंक द्वारा कार ऋण पर कोई छिपा शुल्क/दंड लिया जाता है?
इन बातों का भी रखें ध्यान:
- गाड़ी का मॉडल: जान लें कि उस मॉडल का उत्पादन बंद होने की कितनी संभावना है। जब कोई कंपनी एक मॉडल का उत्पादन रोकती है तो उसके री-सेल मूल्य में काफी गिरावट आ सकती है।
- माइलेज: कितने किलोमीटर चली है?
- पेंट- क्या पेंट की चमक वाहन की उम्र के अनुरूप है? संभव है कि गाड़ी को पूरी तरह दोबारा पेंट किया गया हो।
- हुड और इंजन-बे में जंग, क्षरण और नुकसान जांच परख कर लें।
- होसेज/बेल्ट/टायर/ऑयल फिल्टर/ब्रेक पैड वगैरह की जांच
- सीटें और अपहोलस्ट्री की स्थिति
- एयर-कंडीशनिंग/इलेक्ट्रॉनिक्स/कंडेंसर यूनिट पर स्टिकर
- टेस्ट ड्राइव
ब्याज दर का भी रखें ध्यान: ब्याज दर दो प्रकार की होती है- फ्लोटिंग और फिक्स्ड। फ्लोटिंग ब्याज
दर बैंक के आधार दर (बेस रेट) से जुड़ी होती है और ऋण अवधि के दौरान बैंक
इसमें बदलाव कर सकता है, यदि बैंक कुल ब्याज दरें बढ़ाने का निर्णय लेता
है। फिक्स्ड ब्याज दर पूरी ऋण अवधि के दौरान अपरिवर्तित रहती है। यदि आपको
ऐसा लगता है कि आने वाले सालों में ब्याज दरें घट सकती हैं, तो आपको
फ्लोटिंग ब्याज दर चुननी चाहिए। दूसरी ओर यदि आप यह सोचते हैं कि भविष्य
में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं तो आपको फिक्स्ड ब्याज दरों का विकल्प अपनाना
चाहिए।
वाहन की स्थिति समझने के लिए दी जाती है 120 बिंदुओं की सूची: संगठित क्षेत्र के खिलाड़ी सामान्यत: 120 बिंदुओं की जांच-परख की सूची
देते हैं, जिससे वाहन की स्थिति समझने में मदद मिलती है। अगर आप गाड़ी
किसी ओईएम से ले रहे हों, तो वाहन का तकनीकी इतिहास मांगा जा सकता है,
जिसमें सर्विस रिकॉर्ड की सारी जानकारी होगी।
प्रोसेसिंग शुल्क: प्रोसेसिंग शुल्क या आवेदन शुल्क वित्तीय संस्था द्वारा आपके
दस्तावेजों की प्रोसेसिंग के लिए लगाया जाने वाला शुल्क होता है। कुछ
बैंकों का प्रोसेसिंग शुल्क निश्चित होता है, जबकि कुछ का प्रोसेसिंग शुल्क
इस बात से तय होता है कि आप किस श्रेणी की कार के लिए ऋण ले रहे हैं या
आपको कार ऋण के तौर पर कितनी राशि चाहिए।
पार्ट पेमेंट चार्ज: कई बार आप पूरा ऋण एक बार में खत्म करने के बजाय उसका एक हिस्सा ही
चुकाना चाहते हैं। इसे पार्ट पेमेंट कहा जाता है। कुछ बैंक इसकी अनुमति
नहीं देते, जबकि अन्य एक निश्चित अवधि के बाद ही इसकी अनुमति देते हैं। कुछ
अन्य बैंक इसके लिए एक शुल्क वसूलते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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