Monday, September 1, 2014

जापान में बसता है एक भारत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान की यात्रा पर हैं। इसे दोनों देशों के बीच एक नए रिश्ते की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। जापान में ऐसी कई चीजें हैं, जिनका भारत से नाता है और उन्होंने जापान को समृद्ध बनाया है। आइए जापान के बारे में कुछ जानकारी हासिल कर लें:
  • 6852 द्वीपों से मिलकर बना है जापान। इनमें से सिर्फ 340 द्वीप ही एक वर्ग किलोमीटर से बड़े हैं। हालांकि इसके चार द्वीप 97 फीसदी हिस्सा घेरते हैं। यहां की सिर्फ 13 फीसदी जमीन कृषि योग्य है।
  • जिस तरह हम अपने देश को भारत कहते हैं, लेकिन विदेश में इसे इंडिया नाम से जाना जाता है, इसी तरह जापान को स्थानीय लोग निप्पॉन कहते हैं।
  • जापान ने 1904-05 में रूस पर चढ़ाई की थी, जिसमें उसने रूस को पराजित कर दिया था। ऐसा पहली बार हुआ, जब एक एशियाई देश ने यूरोपीय देश को युद्ध में हराया था। 
  • 28% मछलियां जापान को विदेश से मंगवानी पड़ती हैं, जबकि वह चारों ओर समुद्र से घिरा हुआ है। 
आइए जानें कैसे जापान में बसता है भारत: 
  • व्यंजन: जापानियों को भारतीय व्यंजनों में तंदूरी चिकन और बटर नान बहुत पसंद हैं। जापानी जुबान पर उभरते हिंदुस्तानी जायके को देखते हुए कई भारतीय वहां शेफ की नौकरी कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर उत्तराखंड के हैं। यहां कुछ पाकिस्तानियों ने भी रेस्तरां खोले हैं, लेकिन भारतीय व्यंजन अिधक लोकप्रिय है, इसलिए उनमें से कई अपने साइन बोर्ड पर इंडियन फूड ही लिखवाते हैं। डेढ़ करोड़ की आबादी वाले टोक्यो शहर में प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख जापानी भारतीय व्यंजनों का लुत्फ लेते हैं।   
  • धर्म: 85 फीसदी लोग जापान में शिंतो और बौद्ध धर्म दोनों को मानते हैं। बौद्ध धर्म ने शिंतो के सिद्धांतों पर असर नहीं डाला है। प्रकृति को शक्ति के रूप में पूजने की परंपरा दोनों देशों में रही है। जापान के मूल धर्म शिंतो में भारत की ही तरह कई देवी-देवताओं को पूजा जाता है। हर एक देवी-देवता किसी किसी प्राकृतिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें कामी कहा जाता है। जापान में शिंतो के बाद सबसे अधिक बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं। बौद्ध धर्म यहां छठवीं शताब्दी में भारत से चीन होते हुए पहुंचा था। ऐसे में भगवान बुद्ध की जन्मस्थली होने के नाते जापानियों के दिल में भारत के प्रति एक आध्यात्मिक अपनत्व है।  
  • हिंदी: 70 हजार के करीब हिंदी पुस्तकें और मैगजींस हैं टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज की लाइब्रेरी में। जापान में हिंदी पढ़ाने का कार्यक्रम पिछले 100 साल से चल रहा है। वहां वर्ष 1908 से हिंदी पढ़ाई जा रही है। वहां भारतीय साहित्य भी जापानी भाषा में खूब उपलब्ध है। जापान में अनुवाद बहुत गंभीरता से किया जाता है। ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर कतूरो कोगा द्वारा तैयार हिंदी-जापानी शब्दकोश ने वहां के लोगों को हिंदी सीखने में काफी मदद की है। इसमें 80 हजार शब्द हैं। जापान में तमाम सांस्कृतिक मौकों पर भारतीय नाटकों और सूफी गीतों की प्रस्तुति भी होती है।   
  • बॉलीवुड का असर: 4.2 लाख अमेरिकी डॉलर से ज्यादा कमाई की थी श्रीदेवी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश ने। श्रीदेवी अभिनीत फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश जापान में आमिर खान की "थ्री इडियट्स' के बाद सबसे अधिक कमाई करने वाली दूसरी फिल्म है। थ्री इडियट्स यहां जून 2013 में रिलीज हुई थी। इसे यहां विदेशी भाषा की कैटेगरी में एकेडमी अवाॅर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। भारतीय कलाकारों में वहां रजनीकांत खूब लोकप्रिय हैं। उनके एक्शन ड्रामा के जापानी दीवाने हैं। 1996 में प्रदर्शित रजनीकांत की फिल्म मुत्थु वहां खूब पसंद की गई थी। इसके बाद वहां रजनीकांत के प्रशंसकों में भारी इजाफा हुआ। जापान में सुनामी के बाद रजनीकांत ने फंड जुटाया था। 
  • व्यापारिक सम्बन्ध: 6 अरब डॉलर से अधिक की वस्तुओं का भारत सालाना निर्यात करता है जापान को, जबकि आयात 12 अरब डॉलर का है। जमीन कम होने की वजह से जापान ज्यादातर आयात की गई वस्तुओं पर ही निर्भर है। इनमें भारत से वह बासमती चावल, जड़ी-बूटियां, दाल, गेहूं, सब्जी, तिलहन, फल, चाय, कॉफी, सूखे मेवे, शक्कर, शहद और मसाले खरीदता है। जापान चारों ओर समुद्र से घिरा है, फिर भी वहां सी फूड की कमी है, जिसकी आपूर्ति वह हमारे यहां से ही करता है। खासतौर पर जापान में झींगा मछली का सबसे बड़ा निर्यातक भारत है। इनके अलावा वहां तंबाकू, कार्पेट, हस्तशिल्प और सूत का सामान भी यहीं से जाता है। भारत वहां से इलेक्ट्रॉनिक गुड्स आयात करता है।
साभार: भास्कर समाचार
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