Monday, September 1, 2014

क्या होती है मेडिक्लेम कैशलेस सुविधा और कैसे मिलता है इसका फायदा

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आज के समय में मेडिकल केयर की बढ़ती कीमतें हेल्थ इंश्योरेंस लेने का एक महत्वपूर्ण कारण हैं। यहां तक कि डॉक्टर के पास जाकर सिर्फ सलाह लेने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। वहीं दूसरी ओर, अगर की बड़ी चोट लग जाए या फिर बीमारी हो जाए तो अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ सकता है, जिसमें काफी पैसा खर्च होता है। ऐसी स्थिति में सेहत सही रखने के लिए ही लोग हेल्थ इंश्योरेंस कराते हैं। यह हेल्थ इंश्योरेंस कैशलेस भी हो सकता है। दूसरी तरह का हेल्थ इंश्योरेंस वह होता है, जिसमें पहले आपको बिल का भुगतान
करना होता है और फिर बाद में उसका क्लेम किया जाता है। आइए जानते हैं कैशलेस सुविधा के काम करने की प्रक्रिया के बारे में कुछ खास बातें: 
कैशलेस सुविधा: बीमारी कभी बता कर नहीं होती, लेकिन जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है और अस्पताल में भर्ती होने जैसी स्थिति आ जाती है, तो सबसे पहली चिंता यही होती है कि पैसे का इंतजाम कैसे होगा। मेडिकल इंश्योरेंस इसी स्थिति से खुद को बचाने के लिए लिया जाता है। जब कोई व्यक्ति बीमार होने की स्थिति में इंश्योरेंस पॉलिसी में बताए गए नेटवर्क अस्पताल में भर्ती होता है, तो सबसे पहले अस्पताल के बिल भरने और फिर उसके सेटलमेंट की चिंता सताने लगती है। हालांकि, मेडिकल इंश्योरेंस लेने की वजह से आपको अपने बिल का रिम्बर्समेंट मिल जाता है, लेकिन अस्पताल में दवाओं पर होने वाला भारी खर्च आपके बजट को बिगाड़ कर रख देता है। कैशलेस सुविधा इसी परेशानी से बचने के लिए बनाई गई है। कैशलेस मेडिकल इंश्योरेंस में आपको अस्पताल में भर्ती होने पर लगने वाले दवाओं के खर्च के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। इसमें आपको इन सबसे लिए कोई भी पैसा देने की जरूरत नहीं होती है, सारा खर्च इंश्योरेंस कंपनी ही वहन करती है। 
कितने रुपए का होना चाहिए मेडिकल इंश्योरेंस: बड़ी सर्जरी में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि एक व्यक्ति को करीब 6-7 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कराना चाहिए। हालांकि, अगर आपकी पॉलिसी इससे कम की है, तो आप किसी बड़े मेडिकल इंश्योरेंस प्लान के बारे में भी सोच सकते हैं। 
क्या है नेटवर्क अस्पताल: नेटवर्क अस्पताल वह अस्पताल होते हैं, जो इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा निर्धारित किए गए होते हैं। इन अस्पतालों और उनकी ब्रान्चों से कंपनी का एग्रीमेंट होता है। यदि आप नेटवर्क अस्पताल में भर्ती न होकर किसी अन्य अस्पताल में भर्ती होते हैं तो कैशलेस सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता है। इसका लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि आप नेटवर्क अस्पताल में ही भर्ती हों। इंश्योरेंस देने वाली कंपनी नेटवर्क अस्पतालों की एक लिस्ट देती है, जिसमें इन अस्पतालों और उनकी ब्रान्च के बारे में बताया गया होता है। 
नॉन नेटवर्क अस्पतालों में भर्ती होने पर क्या है विकल्प: अगर आप किसी नेटवर्क अस्पताल में भर्ती न होकर नॉन नेटवर्क अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं तब भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में भी आप मेडिक्लेम लेने का अधिकार रखते हैं। भले ही एक नॉन नेटवर्क अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में आप कैशलेस सुविधा नहीं ले पाएंगे, लेकिन इस स्थिति में भी आपको अस्पताल के बिल का भुगतान करने के बात उसका रिम्बर्समेंट मिल जाता है। हालांकि, ऐसी स्थिति में आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा बनाए गए नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।
क्या होता है ऑथराइजेशन: कैशलेस सुविधा पाने के लिए आप जो क्लेम भेजते हैं वो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी या टीपीए (थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर) द्वारा अप्रूव किए जाते हैं, इस प्रक्रिया को ही ऑथराइजेशन कहते हैं। आपको बता दें कि इस ऑथराइजेशन की प्रक्रिया में कम से कम 24 घंटे तक का समय लग सकता है। यदि आप किसी नेटवर्क अस्पताल में पहले से प्लान की गई किसी सर्जरी या किसी अन्य कारण से भर्ती होते हैं तो पहले आपको ऑथराइजेशन की आवश्यकता होती है, जबकि यदि आप किसी इमरजेंसी के तहत भर्ती होते हैं और आपको किसी सर्जरी आदि की आवश्यकता होती है, तो ऐसे में यह प्रक्रिया जल्द से जल्द खत्म कर दी जाती है। ऐसी स्थिति में आपका क्लेम ऑथराइजेशन न होने को इस आधार लेकर रिजेक्ट नहीं किया जा सकता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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