Friday, July 20, 2012

राजस्थान में बीटेक, एमटेक और एमबीए कोर्स के लिए प्राइवेट संस्थान कर रहे हैं फर्जीवाड़ा, जांच के आदेश

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU), कोटा से मान्यता के बिना ही राज्य में फर्जी तरीके से इंजीनियरिंग और एम.बी.ए. की डिग्री दिलाने का गोरखधंधा सरेआम चल रहा है। दूसरे राज्यों में स्थित विश्वविद्यालयों से संबद्धता के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे ऐसे प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के दस्तावेज खंगालने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। वहीं, जयपुर के एक शिक्षण संस्थान के खिलाफ तो एफ.आई.आर. दर्ज कराने की तैयारी भी की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से निर्देश मिलने पर कोटा स्थित RTU की ओर से ऐसे प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की जांच शुरू कर दी गई है, जो इस यूनिवर्सिटी से संबद्धता न होने के बावजूद भी बी.टेक., एम.टेक., एम.बी.ए. आदि की डिग्री अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों से करा रहे हैं।
RTU के कुलपति प्रो. आर.पी. यादव ने बताया कि अभी तक
 जयपुर का एक प्राइवेट कॉलेज डिफॉल्टर पाया गया है। कुछ और कॉलेजों की जांच अभी की जा रही है। राज्य में तकनीकी शिक्षा का डिग्री कोर्स चलाने के लिए किसी भी शिक्षण संस्थान को RTU से मान्यता लेना आवश्यक है। इसमें एम.बी.ए. भी शामिल है। डोनेशन लेकर विद्यार्थियों को बाहर के विश्वविद्यालयों से बी.टेक, एम.टेक और एम.बी.ए. कराने के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। सरकार के पास जब इस तरह के फर्जीवाड़े की शिकायतें पहुंची तो RTU को जांच के आदेश दिए गए हैं।
RTU ने जांच के लिए अपनी एक टीम जयपुर भेजी तो उसकी रिपोर्ट पर संबंधित प्राइवेट कॉलेज के खिलाफ F.I.R. दर्ज कराने का निर्णय लिया। यह कॉलेज एम.बी.ए. का डिग्री कोर्स करा रहा था। यह कॉलेज अपने RTU  से सम्बद्ध होने का कोई सबूत पेश नहीं कर पाया तो कहा गया कि ये कोर्स कर्नाटक विश्वविद्यालय से करवाए जा रहे हैं।
स्रोत: दैनिक भास्कर समाचार