राजस्थान के 3059 सरकारी प्राथमिक स्कूलों में ग्रेडिंग प्रणाली इस शिक्षा सत्र में लागू कर दी गई है। इन स्कूलों में अब परीक्षा लेने की बजाय बालकों का सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (CCE) किया जाएगा। बाकी स्कूलों में यह प्रणाली आगामी वर्षो में लागू की जाएगी। शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत SIERT, उदयपुर ने स्कूलों में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन पद्धति तय कर दी है। पहले चरण में यह प्रणाली उन 3059 प्राथमिक स्कूलों में लागू की जाएगी जिनमें 'लहर कार्यक्रम' संचालित हो रहा है तथा इन स्कूलों में तीन या तीन से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। इन स्कूलों में परीक्षाएं नहीं होंगी। हर दो माह में रचनात्मक और हर पांच माह में योगात्मक मूल्यांकन होगा। पहले पांच माह में होने वाले मूल्यांकन का कोर्स अंतिम पांच माह के योगात्मक मूल्यांकन में
दोहराया नहीं जाएगा। शिक्षा सत्र दस माह का होगा। सत्र के अंत में बालकों का मूल्यांकन ‘A’ से ‘E’ तक ग्रेडिंग प्रणाली से किया जाएगा। राज्य के शेष प्राथमिक स्कूलों में ग्रेडिंग प्रणाली आगामी वर्षो में लागू की जाएगी। इन स्कूलों में इस शिक्षा सत्र में परीक्षाएं ही होंगी लेकिन किसी भी बालक को फेल नहीं किया जाएगा। उसे प्रोमोट करते हुए अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। इन स्कूलों में RTE के प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक मधु सोरल की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। यह समिति स्कूलों में प्रवेश, परीक्षाएं, कक्षोन्नति और विषय संशोधन सहित सभी तरह की विसंगतियों की समीक्षा कर सुधार के लिए सुझाव प्रस्तुत करेगी। Posted at www.nareshjangra.blogspot.com