Sunday, July 8, 2012

जरूरी है पढ़ाना, नहीं चलेगा कोई बहाना

मेरठ: उत्तर प्रदेश में शैक्षणिक सुधार की मानो बयार बह रही है। सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में अगर कोई छात्र आठवीं कक्षा के बाद नौवीं कक्षा में दाखिला नहीं लेता है तो शिक्षा विभाग यह पता लगाएगा कि बच्चा स्कूल क्यों नहीं आ रहा है? वहीं कोई अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजता है, तो उसे भी इसका कारण बताना पड़ेगा। इसकी जिम्मेदारी बेसिक और माध्यमिक दोनों प्रकार के विद्यालयों की रहेगी।
आम तौर पर ऐसा देखा गया है कि आठवीं पास करने के बाद सभी बच्चे नौवीं में दाखिला नहीं लेते हैं। अकेले मेरठ में ही करीब 20 फीसदी बच्चे आठवीं के बाद नौवीं में दाखिला नहीं लेते। वहीं करीब 10 से 12 फीसदी बच्चे नौवीं के बाद
ड्राप आउट हो जाते हैं। इसका विवरण शिक्षा विभाग के पास नहीं रहता है। अब हर बच्चे की जानकारी संबंधित विभाग को रखना पड़ेगी कि आठवीं के बाद बच्चा कहां दाखिला लेता है? आगे वह पढ़ रहा है कि नहीं। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग छात्रों का रिकार्ड रखेंगे।
"स्कूल चलो अभियान" 31 तक:
प्रमुख सचिव और सचिव की ओर से डीoआईoओoएसo  और बीoएसoएo को संयुक्त निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि वे 31 जुलाई तक "स्कूल चलो अभियान" के अंतर्गत छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। इसमें प्राइमरी और जूनियर के सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाध्यापक कक्षा आठ पास करने वाले छात्रों की सूची बनाएंगे। उसमें इसका रिकार्ड रखेंगे कि किस छात्र ने कक्षा नौवीं में दाखिला लिया है कि नहीं। यह सूची 20 जुलाई तक खंड विकास अधिकारी के पास भेजनी होगी। खंड विकास अधिकारी सात अगस्त को बीएसए को उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा माध्यमिक स्कूलों में कक्षा आठवीं और नौवीं में प्रवेश लेने वाले छात्रों का विवरण प्रधानाचार्य तैयार करेंगे। इंटर कालेज के प्रधानाचार्यो को इसकी सूची तैयार करके 20 जुलाई तक डीआईओएस को भेजनी होगी। बेसिक और माध्यमिक की सूची तैयार कर हर हाल में 14 अगस्त तक लखनऊ शिक्षा निदेशक को भेजी जाएगी, जोकि 20 अगस्त को शासन को उपलब्ध कराई जाएगी।

स्रोत: दैनिक जागरण समाचार