जोधपुर जिले के गाँव आगोलाई के राजकीय बालिका प्राथमिक स्कूल में सोमवार सुबह तीसरी कक्षा की एक छात्रा की टांके में डूबने से मौत हो गई। स्कूल के अध्यापकों ने कुछ छात्राओं को दरियां व फर्श धोने के लिए पानी लेने हेतु भेजा था। स्टाफ कमरे में बैठ कर चाय-नाश्ता कर रहा था, इसी बीच यह हादसा हुआ। इस दौरान अन्य छात्राओं ने स्टाफ को भी बुलाया, लेकिन किसी ने भी मौके पर आने की जहमत नहीं उठायी। ग्रामीणों ने बच्ची को बाहर निकालकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर संजय कुमार को बुलाया, लेकिन उसने भी आने से इनकार कर दिया और कहा कि बच्चे को अस्पताल लेकर आयें। बाद में आग्रह करने पर आया भी, मगर तब तक बच्ची की जान जा चुकी थी। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और शाम तक शव को
नहीं उठाया। बाद में पूरे स्कूल स्टाफ, डॉक्टर व नोडल अधिकारी को एपीओ करने पर ग्रामीण शांत हुए। सरपंच राजूराम चौधरी ने बताया कि स्कूल की मुख्याध्यापिका सुमन शर्मा व अन्य शिक्षकों ने छात्राओं को फर्श व दरियां धोने के लिए कहा और खुद स्टाफ रूम में जाकर चाय-नाश्ता करने लगे। तीसरी कक्षा की 10 वर्षीया छात्रा अन्नु रानी पुत्री मुकनपुरी स्वामी टांके से तीन बाल्टियां पानी भरकर लाई। चौथी बार पानी निकालते हुए वह टांके में गिर गई। यह देखकर अन्य छात्राओं ने स्टाफ को बुलाया, मगर कोई भी नहीं आया। इस पर विद्यार्थी अपने घरों से परिजनों को बुलाकर ले आये जिन्होंने बच्ची को बाहर निकाला। Posted at www.nareshjangra.blogspot.com
ग्रामीणों ने की स्कूल में तोड़फोड़: हादसे की खबर पर सैकड़ों ग्रामीण एकत्र हो गए तथा स्कूल स्टाफ व डॉक्टर के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल के बर्तन फेंक दिए और फर्नीचर तोड़ दिया। मामला बढ़ने पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी स्कूल पहुंचे। ग्रामीणों ने स्कूल स्टाफ, नोडल अधिकारी व
दो स्कूलों में खुले पड़े हैं नौ टांके: कस्बे के दो सरकारी स्कूलों में नौ टांके खुले ही पड़े हैं। इन टांकों में कई फीट पानी भरा रहता है। यहां रोजाना सैकड़ों विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। जरूरत का पानी भी अधिकांशत: विद्यार्थियों से ही मंगवाया जाता है। इन टांकों में किसी जानवर या विद्यार्थी के गिरने की आशंका हमेशा बनी रहती थी। आखिर सोमवार को इसी लापरवाही ने अन्नु की जान ले ली। Posted at www.nareshjangra.blogspot.com