Thursday, November 26, 2015

108 कर्मचारी संगठनों ने दिखाई एकता: चुनावी घोषणापत्र के वादे दिलाए याद

कर्मचारीसंगठन अब खुल कर सरकार से टकराने को तैयार हो गए हैं। बुधवार को सीएम सिटी में सर्व कर्मचारी संघ (एसकेएस) की चेतावनी रैली में साफ कर दिया कि जब तक भाजपा अपने घोषणा पत्र के कर्मचारियों से जुड़े वादे पूरा नहीं करती, आंदोलन नहीं रुकेगा। दो बड़े फैसले भी लिए गए। पहला, जब तक सरकार सामूहिक
अवकाश, हड़ताल, धरना-प्रदर्शन से रोक नहीं हटाती, संघर्ष जारी रहेगा। दूसरा, बिजली संशोधन बिल-2014 के खिलाफ 8 दिसंबर को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताली में शामिल होकर, सभी जिलों में प्रदर्शन किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। डेढ़ एकड़ में बने पंडाल में मंच से कर्मचारियों नेताओं ने कहा-'कर्मचारियों की अनदेखी करने पर हुड्‌डा सरकार की हैट्रिक रोक दी, यह हाल रहा तो खट्‌टर सरकार को भी धकेल देंगे।' 108 यूनियनों के नेताओं ने भाजपा के घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा होने पर नाराजगी जताई। बोले-'भाजपा ने घोषण पत्र में जो वादे किए, वह अपनी मर्जी से किए थे।' रैली से पहले इंद्री के एसडीएम सीएम की तरफ से 10 दिसंबर की बातचीत का न्यौता लेकर पहुंचे। कर्मचारी नेताओं ने लिखित में पत्र मांगा। एसडीएम ने मना किया तो कर्मचारियों ने भी रैली को जारी रखा।हरियाणाकर्मचारी महासंघ ने अम्बाला में धरना दिया। जिसमें अम्बाला मंडल के पांच जिलों के कर्मचारी जुटे। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कंवर सिंह यादव ने कहा कि सरकार पहले वादे पूरे करे फिर कर्मचारियों पर कोई रोक लगाने की बात सोचे। कल वोट की भीख का कटोरा लेकर कर्मचारियों से वादे करने वाले आज उन्हीं कर्मचारियों को आंखें दिखाने लगे हैं। अध्यापक संघ के राज्य प्रधान प्रदीप सरीन ने सरकार द्वारा धरने-प्रदर्शन पर रोक लगाने के मुख्यमंत्री के बयान को कर्मचारियों की जीत बताया। कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ भी रोष जताया। पिछले दिनों सैनी ने बयान दिया था कि जो पंजाब के बराबर वेतनमान चाहते हैं, वे पंजाब चलें जाएं। हालांकि अगले दिन सफाई दी थी। 
  • कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, वेतन कटौती, छंटनी बंद हो। 
  • श्रम कानूनों को लागू किया जाए 
  • रेगुलर कर्मचारियों के 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को हरियाणा के संदर्भ में करते हुए 30 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की जाए 
  • आशा वर्कर, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, एजुसेट ग्रामीण चौकीदारों को कर्मियों को न्यूनतम वेतन दिया जाए।
  • शिक्षा विभाग की ओर से 10 साल पहले भर्ती ड्राइंग टीचरों की 29 नवंबर को प्रस्तावित परीक्षा का भी कर्मचारियों ने विरोध किया है। संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि ड्राइंग टीचरों की परीक्षा लेने से पहले पहले खट्टर साहब 10वीं कक्षा की परीक्षा पास करके दिखाएं। कला अध्यापक संघ के नेता पवन कुमार ने कहा कि कोई भी कला अध्यापक परीक्षा नहीं देगा। 
राज्य अध्यक्ष धर्मवीर फौगाट ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गेस्ट टीचरों समेत अन्य कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पंजाब के समान वेतनमान, वेतन विसंगतियों को दूर करने और नयूनतम मासिक वेतन 15 हजार रुपए करने का वादा किया था। राज में बैठते ही सरकार की भाषा बदल गई है। सरकार में जितने मुंह उतनी बात हो रही हैं। सीएम बात करने का समय नहीं देते। सरकार का लारा-लप्पा नहीं चाहिए। संघ की यह रैली तो पूर्व घोषित थी। चार दिन पहले सरकार के चीफ सेक्रेटरी की तरफ से सभी विभाग प्रमुख को पत्र जारी करते हुए सामूहिक अवकाश, हड़ताल धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात कही। जिससे कर्मचारियों का गुस्सा और बढ़ गया। हालांकि कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए मंगलवार को सीएम ने यू-टर्न लिया और ऐलान किया था कि कर्मचारियों के धरने-प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारभास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.