Thursday, July 31, 2014

फ़ोन हो जाए गुम, तो चिंता नहीं, ये काम करें



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एंड्रॉइड, विंडोज, ios, ब्लैकबेरी जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर काम करने वाले गैजेट्स को सिक्युरिटी सॉफ्टवेयर्स और डिवाइस मैनेजर की मदद से चोरी होने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा, अगर फोन या कोई अन्य गैजेट चोरी हो भी गया है तो उसे ढूंढा जा सकता है या फिर उसमें मौजूद सारे डाटा को डिलीट किया जा सकता है। इसके लिए अलग-अलग गैजेट्स पर अलग सेटिंग्स करनी होंगी। सबसे पहले ये जरूरी है कि आपके गैजेट में सिक्युरिटी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल रहे। चाहें आप कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हों, कंपनी की तरफ से गैजेट्स की ट्रैकिंग के लिए सॉफ्टवेयर्स इंस्टॉल किए जा सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले गैजेट को किस तरह से सुरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए यूजर्स को कुछ खास स्टेप्स फॉलो करनी होगी। 

अपने फोन की रखें पूरी जानकारी: फोन को बचाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि उसके बारे में पूरी जानकारी आपके पास हो। इसके लिए *#06# अपने मोबाइल पर टाइप करते ही आपके फोन का आईएमईआई नंबर (International Mobile Equipment Identity) मिल जाएगा। इससे चोरी हुए फोन की जानकारी आसानी से पाई जा सकती है।
एंड्रॉइड गैजेट्स: एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम में अपना खुद का ट्रैकिंग फीचर होता है। इस फीचर को यूजर्स www.google.com/android/devicemanager पर जाकर एक्सेस कर सकते हैं। एक बार डिवाइस मैनेजर ऑप्शन ऑन करने के बाद यूजर्स अपने एंड्रॉइड डिवाइस की जानकारी किसी भी जगह से ले सकते हैं। एंड्रॉइड गैजेट की पूरी जानकारी उससे जुड़े गूगल अकाउंट पर आएगी। एक बार डिवाइस को एंड्रॉइड मैनेजर से जोड़ने के बाद गूगल मैप्स के जरिए आपके डिवाइस की जानकारी आपको मिलती रहेगी। अगर आपका फोन चोरी हो गया है तो भी वो कहां है, किस जगह से ऑन किया गया है ये सब जानकारी यूजर्स को मिल जाएगी। अपने डिवाइस की ट्रैकिंग के लिए आप कुछ फ्री एंटीवायरस ऐप्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके अलावा, रिमोटली डाटा को डिलीट करने के लिए भी एंड्रॉइड डिवाइस मैनेजर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ios ऑपरेटिंग सिस्टम: ios ऑपरेटिंग सिस्टम में भी एक ऐप का इस्तेमाल करके यूजर्स अपने फोन की ट्रैकिंग और लॉकिंग की सेटिंग्स बदल सकते हैं। Find My iPhone (iOS) नाम का यह ऐप एप्पल आईट्यून स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए आपके फोन में ios 5 या उससे ऊपर का ऑपरेटिंग सिस्टम होना चाहिए। इसी के साथ ऐप का इस्तेमाल करने के लिए एप्पल की icloud सर्विस का इस्तेमाल करना भी जरूरी होगा। यह सर्विस www.iCloud.com से डाउनलोड की जा सकती है। इस सर्विस को आईफोन में डाउनलोड करने के बाद अपने फोन से एप्पल आईडी बनानी होगी। इसके बाद जब भी आपका फोन गुम हो जाए या चोरी हो जाए तो वापस एप्पल की icloud सर्विस से लॉगइन होते ही “Find my iPhone” पर क्लिक करना होगा। ऐसा करते ही वेबसाइट आपके फोन की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश करेगी। इस सर्विस की मदद से दूर बैठे हुए अपने फोन का सारा डाटा डिलीट किया जा सकता है।
विंडोज फोन डिवाइसेस: विंडोज फोन में मौजूद एंटी थेफ्ट फीचर को भी फाइंड माई फोन कहा जाता है। इस फीचर को ऑन करने के लिए आपको www.windowsphone.com पर जाकर साइन इन करना होगा। साइन इन करने के लिए उसी विंडोज लाइव आईडी का इस्तेमाल करना होगा जिसके जरिए फोन में लॉगइन किया गया था। फोन में ब्राउजर साइन इन करते ही फोन की लोकेशन मैप्स के जरिए डिस्प्ले करने लगेगा। ऐसे में खोए हुए फोन को ट्रैक करना ज्यादा आसान हो जाएगा। फोन की लोकेशन का प्रिंटआउट भी निकाला जा सकता है। ब्राउजर की मदद से आप अपने विंडोज फोन को रिंगिंग मोड पर भी डाल सकते हैं। अगर फोन कहीं दूर है तो उसे लॉक भी कर सकते हैं।
ब्लैकबेरी स्मार्टफोन: ब्लैकबेरी का एंटी-थेफ्ट प्रोग्राम BlackBerry Protect कहलाता है। बाकी सभी ऑपरेटिंग सिस्टम्स की तरह ये सॉफ्टवेयर भी ब्लैकबेरी अकाउंट के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है। अकाउंट की मदद से फोन में मैसेज भेजे जा सकते हैं। उन्हें लॉक किया जा सकता है, कहीं दूर बैठे हुए फोन का सारा डाटा डिलीट किया जा सकता है। ब्लैकबेरी प्रोटेक्ट की एक खास बात ये भी है कि एक अकाउंट के जरिए 7 अलग-अलग डिवाइसेस को मैनेज किया जा सकता है। 
गूगल लैटिट्यूड: गूगल लैटिट्यूड एक क्रॉस प्लेटफॉर्म सर्विस है जिसे ios, एंड्रॉइड, ब्लैकबेरी, सिंबियन और विंडोज मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस ऐप की मदद से जहां भी आपका स्मार्टफोन मौजूद होगा उसकी जानकारी गूगल मैप्स के जरिए मिलेगी। इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले यूजर्स कई बार बैटरी ज्यादा खर्च होने की शिकायत जरूर कर चुके हैं, लेकिन इस ऐप से कई बार फोन की असली लोकेशन का पता बड़े ही सटीक ढ़ंग से चलता है।
Prey: यह ऐप ios, एंड्रॉइड, मैक ओएस और लाइनक्स सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। इसकी मदद से वाई-फाई के जरिए किसी भी डिवाइस से कम्प्यूटर को कनेक्ट किया जा सकता है। यह एक खास सॉफ्टवेयर है जिसे मोबाइल के साथ-साथ लैपटॉप या डेस्कटॉप में भी इंस्टॉल किया जा सकता है।
Lookout Mobile Security Plan B (Android): एप्पल के फाइंड माई आईफोन ऐप की तरह एंड्रॉइड स्मार्टफोन के लिए यह ऐप बनाया गया है। लुकआउट मोबाइल सिक्योरिटी ऐप एक इंटरनेट पर आधारित कंट्रोल पैनल की मदद से यूजर के स्मार्टफोन का पता लगाने की कोशिश करता है। इस ऐप के इंस्टॉल होने के बाद अगर आपका मोबाइल फोन चोरी हो जाता है तो इंटरनेट की मदद से आप अपने फोन का पता लगा सकते हैं कि वह असल में कहां है। इस ऐप की मदद से आप फोन के साइलेंट मोड को हटा कर उसे अलार्म मोड में भी ट्रांसफर कर सकते हैं। यह ऐप GPS तकनीक की मदद से फोन का पता लगाता है।


साभार: भास्कर समाचार
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