Thursday, July 2, 2015

फर्जीवाड़ा: नर्सिंग कॉलेजों में डिग्रियां बंटीं 'रेवड़ी' की तरह

सूबे में चल रहे अवैध नर्सिंग स्कूलों व कालेजों ने नर्सिंग छात्राओं को नियम ताक पर रख रेवड़ियों की तरह डिग्रियां बांटी। कई कालेज तो ऐसे हैं, जो जीएनएम और एएनएम के कोर्स तो करवा रहे हैं, मगर वहां छात्राओं को ट्रेनिंग देने के लिए एक इंजेक्शन तक नहीं है। सब कुछ फर्जी ढंग से चल रहा है। कुछ कालेज ऐसे हैं जहां सीटें तो 50-50 रखी गई है, मगर वे 150-150 छात्राओं को डिग्रियां बांट रहे हैं। इतना ही नहीं छात्राओं से भी एएनएम
और जीएनएम के नाम पर मोटी फीस भी वसूली जा रही है। ये बातें स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस मामले में गठित की गई आला अफसरों की टीम द्वारा की जा रही जांच में सामने आ चुकी है। जबकि इस टीम से पहले मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के डायरेक्ट रह चुके प्रदीप कासनी भी इस बारे में अपनी एक रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री को सौंप चुके हैं। फिलहाल उनका निदेशक पद से तबादला हो गया है और अब दूसरे सीनियर आईएएस अफसर स्वास्थ्य मंत्री विज के निर्देशों पर इन फर्जी स्कूलों व कालेजों के संचालन संबंधी रिकार्ड खंगाल रहे हैं।
दोषी अफसरों पर होगी कार्रवाई: इस पूरे गड़बड़झाले को लेकर सेहत मंत्री विज भी हैरान है, उन्होंने इस बारे में रिकार्ड खंगालने और इन फर्जी संस्थानों से जुड़ी नर्सिंग छात्राओं को राहत देने का रास्ता निकालने के लिए अपने सीनियर आईएएस अफसरों की टीम को लगा दिया है। सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस मसले पर अफसरों की माथापच्ची भी जारी है। लेकिन सेहत मंत्री विज इस मसले से काफी खफा है। 
साभार: जागरण समाचार 
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