हांसी खंड के न्याणा गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य ने
मंगलवार शाम अपने गांव चैनत में खेत में बने कमरे में जहर पीकर जान दे दी।
मृतक प्राचार्य 47 वर्षीय धर्मबीर सिंह ने आत्महत्या करने से पहले एक
सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें उसने न्याणा गांव के राजकीय स्कूल में कार्यरत
छह प्राध्यापकों को अपनी मौत का जिम्मेवार बताते हुए कार्रवाई करने की मांग
की है। पुलिस ने धर्मबीर के भाई रणबीर की
शिकायत पर न्याणा गांव के राजकीय
स्कूल के आरोपी प्राध्यापकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का
मामला दर्ज कर लिया है। मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट में धर्मबीर सिंह
ने सदर थाना प्रभारी से कहा कि स्कूल के प्राध्यापक देवेंद्र पाल अलग गुट
बनाकर प्राध्यापक विजय यादव, सुंदर बिसला, बलजीत, सुरेंद्र सहरावत, शमशेर
बामल के साथ मिलकर उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे और स्कूल में
निर्माण कार्य के दौरान इन लोगों ने उस कमरे को भी ताला जड़ दिया जिसमें
बिजली फिटिंग व अन्य सामान पड़ा था। मामले के जांच अधिकारी बलबीर सिंह एवं
सदर थाना प्रभारी जगबीर सिंह ने बताया कि प्राचार्य धर्मबीर सिंह का पैतृक
गांव चैनत था और धर्मबीर हिसार मेला ग्राउंड सेक्टर 4 में रहता था। मंगलवार
शाम को वो चैनत गांव में अपने खेत में पहुंचा और खेत में कार्यरत सीरी को
घर भेज दिया। सीरी ने धर्मबीर के भाइयों को जाकर बताया कि मास्टर जी खेत
में आये हुए हैं। इस पर परिवार के लोगों ने जब धर्मबीर को फोन किया तो उसने
बताया कि वो बरवाला में है। धर्मबीर द्वारा सच्चई न बताने पर परिवार के
लोग जब खेत में पहुंचे तो धर्मबीर ने कमरे में रखा जहर निगल लिया था। उसे
लेकर तुरंत परिजन हिसार के लिए निकल पड़े लेकिन मिर्जापुर के समीप धर्मबीर
ने दम तोड़ दिया।
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण
समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our
Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR
for other important updates from each and every field.