Tuesday, September 16, 2014

लिवर को स्वस्थ रखें इन चीजों से

नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें। 
लिवर हमारे शरीर का सबसे व्यस्त रहने वाला अंग है। यह कई बायोकेमिकल क्रियाएं करता हैं, जैसे लिवर पित्त बनाता है जो पाचन, प्लाज़्मा का निर्माण करने में, आयरन स्टोर करने में, रक्त का थक्का बनने से रोकने में और कई दूसरे काम करने में लाभदायक होता है। फिर भी हमारी मॉडर्न लाइफस्टाइल में गलत आदतों जैसे स्मोकिंग, एल्कोहल, स्ट्रेस और जंकफूड के अधिक सेवन के चलते लिवर पर तनाव पड़ता है। इससे लोग कई तरह की लिवर की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। आपके लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आज हम आपको छह ऐसे घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आप अपने लिवर को बीमारियों से बचा पाएंगे: 
  1. हल्दी: हल्दी एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। इससे लिवर का स्वास्थ्य सुधरता है। एशियाई देशों में इस मसाले का इस्तेमाल खाना बनाने में ज़्यादा होता है और अब पश्चिमी देशों के लोग भी लिवर को सुरक्षित करने के लिए हल्दी का प्रयोग करने लगे हैं। कुछ स्टडी के अनुसार, हल्दी का एंटीवायरल एक्शन हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस को बढ़ने से रोकता है। हल्दी को इस्तेमाल करने का सबसे आसान और अच्छा उपाय है कि इसे खाना बनाते वक्त मसालों के साथ मिलाकर खाएं या दूध में चुटकीभर हल्दी मिलाकर रोज पिएं। इससे आप लिवर संबंधी रोगों से बचे रहेंगे। 
  2. आंवला: आंवले में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। साथ ही यह पेट के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि यह लिवर की फंक्शनिंग को उच्च स्तर पर रखता है। रिसर्चर का मानना है कि आंवला के सत्व में लिवर की फंक्शनिंग को प्रोटेक्ट करने वाले गुण होते हैं। हालांकि, अभी तक यह क्लियर नहीं है कि आंवला हेपेटाइटिस बी इन्फेक्शन को ठीक करता है या नहीं। आंवला च्वयनप्राश का एक ज़रूरी तत्व होता है जो शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है और लिवर को प्रोटेक्ट करता है। इसे खाने का सबसे अच्छा तरीका है कि कच्चे आंवले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर अपनी सलाद में शामिल करें या कसे हुए आंवले को दही के साथ मिलाकर रायता बनाकर खाएं। 
  3. मुलेठी: जो लोग नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर रोगों (जब लिवर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है) से पीड़ित होते हैं, उनके लीवर में ट्रांसएमाइनेज़ एंजाइम्स ALT और AST की मात्रा बढ़ जाती है। स्टडी के अनुसार, मुलेठी का सत्व इन एंजाइम्स की मात्रा को लिवर से कम करता है। इसलिए मुलेठी लिवर के लिए लाभप्रद है। मुलेठी को इसके मीठे स्वाद और एंटी-अल्सर एक्शन के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल लिवर की बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर में मुलेठी आपको आसानी से मिल जाएगी।  इसे पीसकर पाउडर बना लें और उबलते हुए पानी में मिलाकर पिएं। 
  4. अमृत (गिलोय): इस आयुर्वेदिक औषधि में कायाकल्प करने के गुण होते हैं। गिलोय किचन गार्डेन में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह लिवर से टॉक्सिन हटाने के साथ-साथ इसकी फंक्शनिंग को मजबूती देता है। हालांकि, कुछ फिजिशियन का मानना है कि जिन मरीजों के लिवर में बड़ी मात्रा में टॉक्सिन है, उनके लिए यह औषधि और समस्या खड़ी कर सकती है। इसलिए इसे इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से जानकारी जरूर लें। 
  5. अलसी के बीज: शरीर के सेल्स की सतह पर बहुत सारी लोकेशन होती हैं जिन्हें रिसेप्टर साइट्स कहते हैं। ये साइट्स हार्मोन्स को सेल्स से बांधे रखता है और अधिक मात्रा में उन्हें ब्लड में सर्कुलेट करता है। इससे लिवर पर तनाव पड़ता है, क्योंकि अधिक मात्रा में हार्मोन्स को फिल्टर करना होता है। स्टडी के अनुसार, अलसी के बीजों में साइटोकॉन्सटीट्यूएंट्स पाये जाते हैं, जो हार्मोन्स को एकत्रित होने से रोकते हैं। इससे लिवर पर दबाव कम पड़ता है। आप अलसी के बीजों को कद्दूकस करके या साबुत भी खा सकते हैं। इससे आपका लिवर सुरक्षित रहेगा। 
  6. सब्जियां: कुछ सब्जियों में ऐेसे तत्व होते हैं, जो लिवर में ज़रूरी एंजाइम्स को स्रावित करने में सहयोग करते हैं। ये एंजाइम्स कार्सिनोजेन्स (कैंसर कारक) को शरीर से बाहर करते हैं। चुकंदर, पत्तागोभी, गाजर, ब्रोकली, प्याज और लहसुन लिवर के लिए उपयोगी सब्जियां हैं। ब्रोकली, प्याज़ और लहसुन शरीर को सल्फर उपलब्ध कराते हैं और लिवर को किसी तरह के नुकसान से बचाते हैं।
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE