Monday, September 22, 2014

दिल को कैसे रखें जवां

नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें। 
एक स्वस्थ जीवन की पहचान आपके दिल से होती है। हमारा दिल ही शरीर को नियंत्रित करता है। इसलिए दिल का सही से काम करना ज़रूरी है। दिल एक दिन में 1,00,000 बार धड़कता है और 2,000 पर ब्लड को पंप करता है, जो पूरे शरीर की धमनियों में प्रवाहित होता है। यह गति एक स्वस्थ और सही दिल की पहचान है। ज़्यादा काम और प्रेशर की वजह से दिल की धड़कन पर असर पड़ने लगता है। आज हम आपके हेल्दी दिल के लिए कुछ होम रेमिडीज़ बता रहे हैं, ताकि आप अपने दिल का ख्याल घर पर ही रख सकें और आपको डॉक्टरों के चक्कर न
लगाने पड़ें। दिल को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी है रोज़ एक्सरसाइज़ और साथ ही खान-पान का विशेष ध्यान। दिल को हेल्दी रखने के लिए बैलेंस्ड डाइट लेना ज़रूरी है। देखा गया है कि खानपान की गड़बड़ी के कारण ही दिल की बीमारियां ज़्यादा होने लगी हैं। उम्र बढ़ने के साथ आम तौर पर शरीर के अंग कमज़ोर होने लगते हैं। दिल भी कमज़ोर होता है, पर अब कम उम्र के लोगों को भी दिल की बीमारियां होने लगी हैं। इसके पीछे मुख्य कारण बदलती लाइफस्टाइल और खानपान में आने वाले बदलाव हैं। यहां आपको कुछ ऐसी नेचुरल और हर्बल चीज़ों के बारे में बताया जा रहा है, जो दिल को हेल्दी बनाए रखने में कारगर होती हैं। 
  1. लहसुन: दिल को हमेशा जवां और स्वस्थ रखने के लिए लहसुन सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। लहसुन में कई ऐसे गुण हैं जो दिल के लिए फायदेमंद होते हैं। एक स्टडी के अनुसार, अगर आप रोज़ लहसुन की एक कली खाते हैं तो बॉडी में बेकार कोलेस्ट्रॉल अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बदल जाता है, वहीं आपका ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल बना रहता है। कुछ रिसर्च में यह देखा गया है कि जो लोग रोज़ लहसुन खाते हैं, उनका ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और ब्लड में प्लेटलेट्स कम होने का खतरा भी नहीं रहता है। 
  2. लाल मिर्च: खाने को तीखा बनाने के लिए हम लाल मिर्च का यूज़ करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल मिर्च हमारे दिल के लिए कितना फायदेमंद है? लाल मिर्च में कैप्सिस्नि पाया जाता है, जो दिल ब्लड सर्कुलेशन को सही रखता है। ब्लड सर्कुलेशन सही रहने का मतलब है कि दिल पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता। सबसे अच्छी बात है कि लाल मिर्च खाने से रक्त के थक्के नहीं बनते और यह एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। कहने का मतलब यह है कि अगर आप लाल मिर्च कम खाते हैं या नहीं खाते हैं, तो आप खाना शुरू कर दें, क्योंकि दिल को हेल्दी और नॉर्मल रखने के लिए  यह बेस्ट हर्बल उपाय है। 
  3. अदरक: अदरक भोजन को पचाने के साथ और पेट में बनने वाली गैस को भी कम करता है। अदरक में ऐसे प्राकृतिक गुण होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखते हैं। स्टडी के अनुसार, अदरक ब्लड का थक्का बनने से रोकने, ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने और एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सक्षम होता है। वहीं, कुछ लैब स्टडीज के अनुसार, ब्लड के थक्के को खत्म करने में अदरक एस्पिरीन की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली साबित हुआ है। 
  4. ग्रीन टी: दूध की चाय की तुलना में ग्रीन टी का स्वाद बेहद कड़वा होता है। ग्रीन टी की पत्तियां अनफरमेंटेंड होती हैं। ये नेचुरल होती हैं, यानी इनकी प्रॉसेसिंग नहीं की जाती। काली चाय की तुलना में ग्रीन टी में कहीं ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जो दिल के ब्लड वेसल्स को हेल्दी रखता है। स्टडी के अनुसार, ग्रीन टी बैड कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं पैदा होने देता। यही वजह है कि डॉक्टर हर रोज़ नियमित रूप से 3 से 4 कप ग्रीन टी पीने की सलाह देते हैं। दिल की दिक्कतों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए ग्रीन टी पीना शुरू करें। 
  5. अर्जुन के पेड़ की छाल: अर्जुन के पेड़ की छाल में बहुत सारे केमिकल्स होते हैं, जैसे टैनिन्स, ट्रीटरपेनॉयड सैप्योनिन्स और फ्लैवोनॉयड्स। ये कार्डियो प्रोटेक्शन का काम करते हैं, यानी दिल के गार्ड की भूमिका निभाते हैं। आयुर्वेद के अनसार, अर्जुन एक स्ट्रॉन्ग कार्डियो टॉनिक है। अब शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि एन्जाइना के हमले के दौरान नाइट्रोग्लिसनीन के अटैक को कम करने के लिए अर्जुन की छाल बेहद ही कारगर औषधि है। यह कोलेस्ट्रॉल को घटा कर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है। अर्जुन के पेड़ की छाल के छोटे-से टुकड़े को रातभर पानी में रखें और सुबह उबाल कर काढ़ा बना कर पिएं। छाल के एक टुकड़े को तीन दिन तक इस्तेमाल किया जा सकता है। छाल के काढ़े को नियमित पीने से आपका दिल हेल्दी और बीमारियों से फ्री रहेगा। 
  6. गुग्गल: आयुर्वेद के अनुसार गुग्गल मोटापा और गठिया के रोग को खत्म करने और दिल की परेशानी को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। रिसर्च के अनुसार, गुग्गल के पेड़ की छाल में केटोनिक स्टीरॉयड्स कम्पाउंड होते हैं, जिसे गुग्गलस्ट्रेनीज कहा जाता है। यह रक्तवाही नलिकाओं के अंदर कोलेस्ट्रॉल के साथ जमे फैट की परत को कम करता है। गुग्गल शरीर के मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ाता है, जो वजन कम करने में फायदेमंद है। लेबोरेट्री स्टडी के अनुसार, गुग्गल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और प्लेटलेट्स के जमाव को भी कम करता है। यह ब्लड का थक्का बनने नहीं देता। इसलिए गुग्गल कोरोनरी ब्लड वेसल्स से जुड़ी दिक्कतों को कम करने के लिए प्राकृतिक उपाय है। आयुर्वेद के अनुसार, इसे बिना किसी दूसरे हर्बल के खाना सही नहीं है। इसे आप कैशोर गुग्गल और योगराजा गुग्गुल या त्रिफला के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE