Sunday, December 2, 2018

BP और दिल का सर्दियों में यूं रखे ख्‍याल, डाइट में शामिल करें ये चीजें

साभार: जागरण समाचार 
सर्दियों का मौसम अपने साथ सर्दी-जुकाम जैसी अनेक समस्याएं लेकर आता है। इस मौसम में ब्लड प्रेशर और दिल की सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है, क्योंकि सर्दियों में दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा होने का खतरा बढ़
जाता है। इन मुश्किलों से बचने का उपाय भी छिपा है सर्दियों में उपलब्ध होने वाले अनाजों में। इन अनाजों की न सिर्फ तासीर गर्म होती है, बल्कि ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर विभिन्न बीमारियों से भी बचाते हैं:
ब्‍लड प्रेशर और दिल का सर्दियों में यूं रखे ख्‍याल, डाइट में शामिल करें ये चीजेंसोयाबीन: सर्दियों में सोयाबीन का सेवन विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को रोगों से दूर रखने में मदद करते हैं। यही नहीं रामदाना के अलावा सोयाबीन ही एकमात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें प्लांट बेस्ड हाई क्वालिटी का प्रोटीन पाया जाता है, जो एनीमल प्रोटीन से बेहतर है। सोयाबीन में मौजूद प्रोटीन में सभी प्रकार के एमिनो एसिड्स मिलते हैं। इसमें कैल्शियम और आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स का भी ये अच्छा स्रोत है। इन सभी तत्वों के चलते सोयाबीन का सेवन हमारी मांसपेशियों, हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ ही धमनियों में रक्त के प्रवाह को सुचारु रखता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा दूर होता है। सोयाबीन का सेवन हमारे मूड को भी अच्छा रखता है। इसके सेवन से तनाव और अवसाद जैसी परेशानियां मुश्किलें नहीं पैदा करतीं। इसके साथ ही इसमें फाइटोएस्ट्रोजन तत्व मौजूद होता है, जिसके चलते इसका सेवन महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान होने वाली परेशानियों से राहत देता है। वहीं यह मेनोपॉज के बाद उन्हें दिल की बीमारियों के बढ़े हुए खतरे से भी बचाता है।
बाजरा: इसे मुख्यत: लोग सर्दियों में ही खाते हैं। दिल को सेहतमंद रखना है तो इसे अपने आहार में जरूर शामिल करें। इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने के साथ ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम करने में मैग्नीशियम और पोटेशियम की अहम भूमिका होती है। विभिन्न शोध-अध्ययनों में इस बात की पुष्टि हुई है कि मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्र्थों के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।
वहीं हाइ डाइटरी फाइबर युक्त अनाज होने के कारण यह न सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, बल्कि बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और करकुमिन, एलेजिक एसिड तत्व शरीर को डिटॉक्स करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। इस मौसम में आम दुकानों से लेकर सुपरमार्केट तक में साबुत बाजरा, बाजरे का आटा और बाजरे का दलिया सरलता से मिल जाएगा। किसी भी रूप में इसका सेवन कर सकती हैं।
ज्वार: अक्सर सर्दी के मौसम में लोग पाचन संबंधी दिक्कतों की शिकायत करते हैं। दरअसल ठंड के चलते आजकल लोग रजाई- कंबल में ही रहना पसंद करते हैं और खुली हवा में टहलने से बचते हैं। इसके फलस्वरूप बॉडी मूवमेंट बेहद कम हो जाता है। साथ ही ऑयली फूड का सेवन भी अधिक अच्छा लगता है। इससे पाचन संबंधी दिक्कतें पैदा होती हैं। इसलिए हेल्थ एक्सपट्र्स ज्वार के सेवन की सलाह देते हैं। हाई डाइटरी फाइबर युक्त अनाज होने के कारण इसका सेवन कब्ज और गैस की तकलीफों से राहत देने और पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करता है।
यही नहीं हाई डाइटरी फाइबर के कारण इसका सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाता है। साथ ही धमनियों में ब्लाकेज व हार्ट अटैक का खतरा कम करता है। इसमें विशेष रूप से प्रचुर मात्रा में मिलने वाला टैनिन नामक तत्व शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रण में रखते हुए डायबिटीज का खतरा कम करता है। इसमें मैग्नीशियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी कैल्शियम केअवशोषण को बढ़ावा देता है। इसी प्रकार ज्वार के सेवन से प्राप्त होने वाले कॉपर और आयरन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसमें मौजूद नियासिन नामक तत्व जिसे विटामिन बी-3 भी कहा जाता है, भोजन को ऊर्जा में बदलता है।
अलसी: इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम इत्यादि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। मात्र एक टेबलस्पून अलसी के सेवन से आप अपनी रोजाना की जरूरत का प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स प्राप्त कर सकते हैं। ये सभी पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने और दिल की सेहत को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही इसमें लिगनन नामक प्लांट कंपाउंड और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो ब्रेस्ट और प्रोस्टेट सहित विभिन्न अंगों के कैंसर का खतरा कम करने के साथ ही संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
इसमें मौजूद हाई डाइटरी फाइबर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने व पाचन तंत्र को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद इनसॉल्यूबल फाइबर तत्व रक्त में शुगर रिलीज होने की प्रक्रिया को शिथिल करके डायबिटीज का खतरा कम करते हैं। वहीं हाई क्वालिटी प्रोटीन के चलते अलसी का सेवन मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। अलसी को सामान्यत: लोग सलाद या ब्रेकफास्ट सीरियल्स में ऊपर से डालकर खाते हैं। अलसी के लड्डू भी सर्दी के मौसम में बहुत पसंद किए जाते हैं।
तिल: ठंड के मौसम में तिल से बनी गजक और लड्डू न सिर्फ स्वादिष्ट लगते हैं, बल्कि इसकी गर्म तासीर शरीर को अंदरूनी गर्माहट भी प्रदान करती है। तिल नेचुरल ऑयल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, डाइटरी फाइबर और कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन का अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन बी-6, विटामिन ई, फोलेट, कॉपर, जिंक इत्यादि तत्व भी पाए जाते हैं।
मैग्नीशियम की प्रचुरता के कारण तिल का सेवन न सिर्फ रक्त में शुगर के लेवल को नियंत्रित रखकर डायबिटीज के खतरे को कम करता है, बल्कि टाइप 2 डायबिटीज से जूझ रहे लोगों की कंडीशन स्थिर रखने में मदद करता है। तिल में लिगनन्स और फाइटेट नामक कैंसर रोधी तत्व पाए जाते हैं। इसलिए इसका सेवन कैंसर के खतरे से बचाता है। जिंक, कैल्शियम और फॉस्फोरस मिनरल्स के कारण यह हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। जिंक की वजह से त्वचा का सौंदर्य भी बरकरार रहता है।
मक्का: सर्दियों के मौसम में मक्के की रोटी और सरसों के साग का जायका ही अलग होता है। मक्के और पालक की सब्जी भी लोग काफी पसंद करते हैं। दरअसल यहां सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि इसके सेवन से मिलने वाला पोषण भी मायने रखता है। मक्का में भरपूर मात्रा में फोलिक एसिड, आयरन, विटामिन बी-12, बी-1, बी-5 और विटामिन सी इत्यादि एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर पाया जाता है, जिनके चलते इसके सेवन से हमें बीमारियां नहीं घेरतीं। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शरीर ऊर्जावान बनता है और एनीमिया या खून की कमी जैसी दिक्कतें कभी परेशान नहींकरतीं। यह ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। इस लिहाज से मक्का का सेवन डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए भी लाभकारी है।
रामदाना: सर्दी के मौसम में गुड़ की चाशनी मिलाकर बनाई गई रामदाना की पट्टी लोग बड़े चाव से खाते हैं। यह जितनी स्वादिष्ट लगती है, उतने ही पोषक तत्वों से भरपूर भी है। रामदाना में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हुए हार्ट अटैक के खतरे से बचाते हुए दिल को सेहतमंद रखने में मदद करते हैं। रामदाना प्लांट बेस्ड प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है। जिस तरह दूध को हम हाई क्वालिटी प्रोटीन की श्रेणी में रखते हैं, ठीक वही उच्च गुणवत्ता हमें रामदाना से मिलने वाले प्रोटीन में प्राप्त होती है। हमारा शरीर इसका पाचन सुगमता से कर लेता है।
गर्भस्थ शिशुओं के स्वस्थ विकास और उन्हें विकारों से सुरक्षित रखने के लिहाज से रामदाना का सेवन गर्भवती स्त्रियों के लिए लाभकारी कहा जाता है, क्योंकि इसमें फोलेट नामक तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें मौजूद पेपटाइड्स में एंटीइनलेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। इनकी वजह से इसके सेवन से दर्द व सूजन की तकलीफों में राहत मिलती है। एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की प्रचुरता के कारण रामदाना का सेवन कोशिकाओं को सक्रिय रखने के साथ ही कैंसर का खतरा कम करता है। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी प्राप्त होते हैं। इनकी वजह से रामदाना का सेवन बालों के सौंदर्य और उन्हें असमय सफेद होने से रोकने में मददगार है।
ग्लूटेन फ्री हैं ये अनाज: सर्दियों के सुपर फूड में शामिल किए जाने वाले अनाज ज्वार, बाजरा और रामदाना की एक खासियत यह भी है कि ये ग्लूटेन फ्री हैं। सामान्य रूप से कहें तो ग्लूटेन एक खास प्रकार का प्रोटीन है जो अनाजों में पाया जाता है। कुछ लोगों को इससे एलर्जी होती है या जो लोग सेलाएक डिजीज से ग्रसित होते हैं, उन्हें ग्लूटेन फ्री डाइट लेने की सलाह दी जाती है। इन बातों से इतर ग्लूटेन फ्री डाइट के अपने फायदे हैं। यही वजह है कि ग्लूटेन फ्री डाइट का क्रेज आजकल काफी बढ़ रहा है। इनका सेवन पाचन के लिए बेहतर रहता है और शरीर का एनर्जी लेवल भी बढ़ता है। इससे दिल की बीमारियों, कैंसर और डायबिटीज का खतरा कम होता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल का लेवल बेहतर होता है।