साभार: जागरण समाचार
तुर्की के मुख्य अभियोजक ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के दो करीबी सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की है। खशोगी
की गत दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी। वह क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक माने जाते थे।
पत्रकार खशोगी की हत्या की साजिश रचने वालों में थे शामिल: इस मामले की जांच से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, मुख्य अभियोजक के कार्यालय ने मंगलवार को कोर्ट में अर्जी देकर सऊदी नागरिक अहमद अल-असीरी अंसारी और सऊदी अल-कहतानी के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग की है। इन दोनों को खशोगी की हत्या की साजिश रचने वालों में बताया गया है।
अल-असीरी क्राउन प्रिंस की दूसरे देशों के अधिकारियों के साथ होने वाली गोपनीय बैठकों में आमतौर पर शामिल होता था। जबकि, अल-कहतानी उनका सलाहकार था। सऊदी ने दूतावास में खशोगी की हत्या होने की बात कबूल करने के बाद इन दोनों को बर्खास्त कर दिया था।
सऊदी ने खशोगी हत्या मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इसमें क्राउन प्रिंस का हाथ होने से इन्कार किया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन ने कहा था कि खशोगी की हत्या का आदेश सऊदी सरकार के शीर्ष स्तर से आया था।
अमेरिकी सीनेटर ने सऊदी क्राउन प्रिंस को बताया सनकी: अमेरिकी सीनेटरों ने कहा है कि सीआइए की जांच से यह यकीन हो गया है कि खशोगी की हत्या में सऊदी क्राउन प्रिंस की भूमिका थी। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने तो कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि हत्या में मुहम्मद बिन सलमान सहअपराधी हैं। वह सनकी और खतरनाक हैं। इससे पहले सीआइए की निदेशक जीना हास्पेल ने सीनेट की विदेश मामलों की समिति को मामले में की गई जांच-पड़ताल की जानकारी दी।