करनाल के गांव रिसालवा के रहने वाले युवक रोहताश को यहां हरियाणा खादी ग्रामोद्योग कार्यालय में डीसी रेट पर बतौर कंप्यूटर ऑपरेटल लगे दो दिन ही हुए थे। इसी दौरान उसने लोन लेने वाले एक व्यक्ति से कमीशन के
नाम पर दस हजार रुपये की मांग कर दी और धर लिया गया। हुआ यह कि वह ब्रांच मैनेजर के केबिन में गया तो वहां मेज पर लोन की फाइल रखी थी। उसने फाइल से लोन लेने वाले व्यक्ति का नंबर नोट कर लिया और उससे दस हजार रुपये की मांग कर दी। उधर, लोन का आवेदन करने वाले गांव माजरा खुर्द निवासी प्रदीप ने सारी बात रिकॉर्ड कर ली और रिकॉर्डिग एसपी को सौंप दी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदीप ने एसपी को बताया कि उसने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत डिस्पोजल ग्लास बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 10 लाख रुपये के लोन का आवेदन किया था। बृहस्पतिवार को उसके पास संदीप नाम के व्यक्ति का फोन आया, जो अपने-आपको ब्रांच मैनेजर बता रहा था। उसने लोन पास करवाने के एवज मे दो फीसद कमीशन मांगा। एसपी ने इसकी जानकारी डीसी राजनारायण कौशिक को दी। डीसी ने नायब तहसीलदार रत्नलाल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर कमीशन मांगने वाले को पकड़ने के लिए टीम बनाने के निर्देश दिए। बृहस्पतिवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने दो हजार के पांच नोटों पर पाउडर लगा कर टीम को दिया। टीम ने प्रदीप को समझाया कि रुपये देकर सिर पर हाथ फेर देना। प्रदीप ने पाउडर लगे नोट रोहताश को थमा दिए। इसके बाद उसने सिर पर हाथ फेरा तो टीम ने पहुंचकर प्रदीप से रिश्वत की राशि बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार को रोहताश को जेल भेज दिया गया।
ब्रांच मैनेजर भी शक के घेरे में: पुलिस सूत्रों के अनुसार ब्रांच मैनेजर संदीप सहरावत की भूमिका भी संदिग्ध है। संदीप ने ही रोहताश को कार्यालय में डीसी रेट पर नियुक्त करवाने के लिए बुलाया गया था। रोहताश और संदीप मित्र बताए जाते हैं। पुलिस को शक है कि संदीप ने ही रोहताश के जरिये यह राशि मांगी हो।’
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साभार: जागरण समाचार
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