Saturday, March 18, 2017

100 जवानों के साथ वारंट देने पहुंचे बंगाल के डीजीपी, जस्टिस कर्नन ने किया खारिज

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्नन ने अपने खिलाफ जमानती वारंट जारी करने वाले सुप्रीम कोर्ट के सात जजों से 14 करोड़ रुपए हर्जाना मांगा है। 16 मार्च को भेजे पत्र में चेतावनी दी है कि सात दिन में हर्जाना नहीं
दिया तो सातों जजों पर वही कार्रवाई होगी, जो उनके खिलाफ चल रही है। उन्होंने अवमानना मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ को भी असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि दलित जज को परेशान करने की मंशा से उनके न्यायिक और प्रशासनिक काम छीने गए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जस्टिस कर्नन ने लिखा कि मैंने जिन 20 जजों पर आरोप लगाया है, उन्हें बचाने के लिए सात जजों ने मेरे खिलाफ ही अवमानना नोटिस जारी कर दिया। उन्होंने लिखा कि जज का काम दोनों पक्षों की बातें सुनकर न्याय देना है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के सात जज और बाकी 20 जज एक पार्टी हैं और मैं शिकायतकर्ता। उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के सात जज मुझे 8 फरवरी के बाद से काम नहीं करने दे रहे। 120 करोड़ जनता के सामने मेरी छवि खराब की है। इसलिए मैं निर्देश दे रहा हूं कि सातों जज सात दिन के अंदर मुझे 14 करोड़ रुपए हर्जाना दें। मैं खुद से छीनी गई न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य करने के अधिकार वाली शक्तियों बहाल कर रहा हूं। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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